म्यांमार में शनिवार रात 9 बजकर 24 मिनट पर एक भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.4 दर्ज की गई। भूकंप की यह झटके क्यौकसे के निकट महसूस किए गए। जैसे ही भूकंप की खबर फैली, लोग अपने घरों से बाहर निकलकर सुरक्षित स्थानों की ओर भागे। हालांकि, अब तक किसी जान-माल के नुकसान की कोई रिपोर्ट नहीं आई है।
यूरोपीय-भूमध्यसागरीय भूकंप विज्ञान केंद्र (ईएमएससी) ने इस भूकंप की पुष्टि की है और बताया है कि यह झटका 55 किलोमीटर की गहराई पर आया था। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) ने भी इस भूकंप का ब्यौरा साझा करते हुए कहा कि यह गहराई के कारण आफ्टरशॉक के लिए अतिसंवेदनशील क्षेत्र में आया है। एनसीएस ने एक्स (X) पर अपनी पोस्ट में कहा: “एम का ईक्यू: 5.4, दिनांक: 17/05/2025 21:24:51 IST, अक्षांश: 21.32 एन, देशांतर: 96.03 ई, गहराई: 55 किमी, स्थान: म्यांमार।”
सुरक्षा सलाह जारी
म्यांमार में भूकंप के झटकों का यह सिलसिला कोई नई बात नहीं है। पिछले महीने भी यहां आए एक बड़े भूकंप ने भारी तबाही मचाई थी। 28 मार्च को मध्य म्यांमार में 7.7 तीव्रता का विनाशकारी भूकंप आया था, जिसने इलाके में व्यापक नुकसान किया था। इसके बाद से लगातार छोटे-छोटे झटके महसूस किए जा रहे हैं, जिनमें 13 अप्रैल को मीकटिला के पास 5.5 तीव्रता का भूकंप भी शामिल है।
इस लगातार बढ़ती भूकंप गतिविधि को देखते हुए डिजास्टर सपोर्ट सिस्टम (DSS) ने सुरक्षा सलाह जारी की है। DSS ने लोगों को सतर्क रहने और किसी भी आपात स्थिति में निर्धारित दिशा-निर्देशों का पालन करने के लिए कहा है। साथ ही राहत व बचाव कार्य में लगे अधिकारियों को भी सतर्क रहने और लोगों की सहायता करने का निर्देश दिया गया है।
पिछले भूकंप का असर और स्वास्थ्य खतरे
28 मार्च के बड़े भूकंप के बाद म्यांमार में अब भी राहत और बचाव कार्य जारी है। प्रभावित क्षेत्र में मलबा फैला हुआ है और कई लोग अभी भी लापता हैं। इस भूकंप ने हजारों लोगों को विस्थापित कर दिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी इस इलाके के लिए चेतावनी जारी की है कि भूकंप के बाद स्वास्थ्य संबंधी कई गंभीर खतरे उत्पन्न हो सकते हैं।
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, विस्थापित लोगों को तपेदिक (टीबी), एचआईवी, जल-जनित रोग और वेक्टर जनित बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। भूकंप के कारण प्रभावित क्षेत्रों में साफ-सफाई और स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति खराब हो जाती है, जिससे ये बीमारियां तेजी से फैल सकती हैं। इसलिए म्यांमार में स्वास्थ्य एजेंसियां और राहत संगठन सक्रिय हो गए हैं ताकि प्रभावित लोगों को उचित चिकित्सा और स्वच्छता सुविधाएं मुहैया कराई जा सकें।
म्यांमार की भूकंपीय संवेदनशीलता
म्यांमार भूकंपीय दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील क्षेत्र में स्थित है। यह देश कई सक्रिय भूकंपीय पट्टियों के किनारे है, जहां टेक्टोनिक प्लेट्स के आपसी टकराव के कारण भूकंप आते रहते हैं। पिछले कुछ वर्षों में यहां कई बार बड़े भूकंप और आफ्टरशॉक्स देखे गए हैं, जिनसे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
निष्कर्ष
हालिया भूकंप ने एक बार फिर म्यांमार में रहने वाले लोगों की सुरक्षा की चिंता बढ़ा दी है। हालांकि इस बार किसी भी तरह के बड़े नुकसान की खबर नहीं आई है, लेकिन लगातार भूकंप की गतिविधि और पहले हुए विनाशकारी भूकंप के बाद इलाके में लोगों की चिंता बढ़ी हुई है। राहत और बचाव दल सतर्क हैं और लोगों को सुरक्षित रखने के लिए पूरी तैयारी में लगे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि लोगों को आपात स्थिति के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए और सुरक्षा निर्देशों का पालन करना चाहिए ताकि भविष्य में किसी भी आपदा का प्रभाव कम किया जा सके।