आज का दिन गुरु पूर्णिमा का है, जो भारतीय संस्कृति में अत्यंत पवित्र और श्रद्धा का प्रतीक माना जाता है। यह दिन गुरु की महिमा और उनके ज्ञान के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने का पर्व है। इस शुभ अवसर पर अगर कोई भी कार्य शुभ मुहूर्त में किया जाए तो उसका फल कई गुना बढ़ जाता है। वहीं, अशुभ काल में किया गया काम विफलता भी दे सकता है।
आज के दिन विशेष योग जैसे इंद्र योग, विष्टि करण और पूर्णिमा तिथि के साथ मिलकर यह दिन और भी प्रभावशाली बन गया है। आइए जानते हैं 10 जुलाई 2025 (गुरुवार) का पूरा पंचांग, शुभ-अशुभ मुहूर्त और ज्योतिषीय विश्लेषण।
आज का पंचांग (10 जुलाई 2025)
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दिन: गुरुवार
	 
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तिथि: पूर्णिमा (गुरु पूर्णिमा)
	 
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पक्ष: शुक्ल
	 
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नक्षत्र: पूर्वाषाढ़ा
	 
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योग: इंद्र (रात 9:38 बजे तक), फिर वैधृति
	 
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करण: विष्टि (दोपहर 1:55 बजे तक), फिर बव
	 
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चंद्र राशि: धनु
	 
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सूर्य राशि: मिथुन
	 
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सूर्य नक्षत्र: पुनर्वसु
	 
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सम्वत: शक 1947, विक्रम 2082
	 
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ऋतु: वैदिक — ग्रीष्म, द्रिक — वर्षा
	 
सूर्योदय-सूर्यास्त और चंद्रोदय-चंद्रास्त
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सूर्योदय: सुबह 05:31 बजे
	 
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सूर्यास्त: शाम 07:22 बजे
	 
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चंद्रोदय: शाम 07:20 बजे
	 
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चंद्रास्त: आज नहीं
	 
आज के शुभ मुहूर्त
	
		
			| मुहूर्त | 
			समय | 
		
	
	
		
			| ब्रह्म मुहूर्त | 
			04:10 AM – 04:50 AM | 
		
		
			| अभिजीत मुहूर्त | 
			11:59 AM – 12:54 PM | 
		
		
			| विजय मुहूर्त | 
			02:45 PM – 03:40 PM | 
		
		
			| गोधूलि मुहूर्त | 
			07:21 PM – 07:41 PM | 
		
		
			| सायाह्न सन्ध्या | 
			07:23 PM – 08:23 PM | 
		
		
			| प्रातः सन्ध्या | 
			04:29 AM – 05:30 AM | 
		
		
			| अमृत काल (11 जुलाई) | 
			12:55 AM – 02:35 AM | 
		
		
			| सर्वार्थ सिद्धि योग | 
			05:29 AM – 01:11 PM | 
		
	
आज विशेष ध्यान दें — अभिजीत, विजय और ब्रह्म मुहूर्त में किए गए कार्यों में सफलता की संभावना अधिक होती है।
आज के अशुभ मुहूर्त
	
		
			| मुहूर्त | 
			समय | 
		
	
	
		
			| राहुकाल | 
			02:10 PM – 03:54 PM | 
		
		
			| गुलिक काल | 
			12:26 PM – 02:10 PM | 
		
		
			| यमगण्ड काल | 
			05:31 AM – 07:15 AM | 
		
		
			| दुर्मुहूर्त | 
			10:08 AM – 11:03 AM 
			03:40 PM – 04:36 PM | 
		
		
			| वर्ज्य काल | 
			02:52 PM – 04:33 PM | 
		
		
			| भद्रा काल | 
			05:31 AM – 01:55 PM | 
		
		
			| आडल योग और गण्ड मूल | 
			पूरे दिन | 
		
		
			| दिशा शूल | 
			दक्षिण दिशा में यात्रा वर्जित | 
		
	
 राहुकाल, यमगंड काल और दुर्मुहूर्त के दौरान कोई भी शुभ कार्य न करें जैसे खरीदारी, विवाह वार्ता, वाहन पूजन या नई शुरुआत।
गुरु पूर्णिमा का महत्व
गुरु पूर्णिमा का दिन गुरु और शिष्य के रिश्ते का पर्व है। इस दिन महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था जिन्होंने वेदों का संकलन किया। आज के दिन गुरु को तिलक कर, पुष्प अर्पण कर और उनसे आशीर्वाद लेना बुद्धि, ज्ञान और सफलता प्रदान करता है।
आज क्या करें, क्या न करें?
 करें:
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गुरु पूजन, व्रत, उपवास
	 
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विद्या आरंभ, मंत्र दीक्षा
	 
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दान, विशेषकर अन्न, वस्त्र और शिक्षा से जुड़ी सामग्री
	 
	- 
	
अपने आध्यात्मिक लक्ष्य की शुरुआत
	 
 न करें:
निष्कर्ष
10 जुलाई 2025 का दिन गुरु पूर्णिमा, इंद्र योग और शुभ मुहूर्तों से भरा हुआ है। यह दिन आध्यात्मिक प्रगति, ज्ञान अर्जन और गुरु के चरणों में श्रद्धा व्यक्त करने के लिए सर्वोत्तम है। शुभ मुहूर्त का पालन करके आप अपने कार्यों में सफलता पा सकते हैं।
गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं!