आज क्यों खास न्यूज डेस्क !!! रमाबाई रानाडे का जन्म 25 जनवरी 1863 को हुआ और इनकी मृत्यु 25 जनवरी 1924 को पुणे में हुई । बता दें कि, ये एक भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता थीं और 19वीं शताब्दी में पहली महिला अधिकार कार्यकर्ताओं में से एक थीं । 11 साल की उम्र में, इनकी शादी न्यायमूर्ति महादेव गोविंद रानाडे से हो गई, जो एक प्रतिष्ठित भारतीय विद्वान और समाज सुधारक थे । सामाजिक असमानता के उस युग में, महिलाओं को स्कूल जाने और साक्षर बनने की अनुमति नहीं थी मगर रमाबाई ने अपनी शादी के तुरंत बाद, महादेव गोविंद रानाडे के मजबूत समर्थन और प्रोत्साहन के साथ पढ़ना और लिखना सीखना शुरू कर दिया ।

रमाबाई रानाडे ने मूल भाषा मराठी से शुरुआत करते हुए, अंग्रेजी और बंगाली में महारत हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत की। बता दें कि, रमाबाई अपने पति से प्रेरित होकर, महिलाओं के बीच सार्वजनिक बोलने को विकसित करने के लिए मुंबई में 'हिंदू लेडीज सोशल क्लब' की शुरुआत की । रमाबाई पुणे में 'सेवा सदन सोसाइटी' की संस्थापक और अध्यक्ष भी थीं। रमाबाई ने अपना जीवन महिलाओं के जीवन के सुधार के लिए समर्पित कर दिया । इसके अलावा आपको बता दें कि, रमाबाई रानाडे ने अपने पति और अन्य सहयोगियों के साथ 1886 में पुणे में पहला गर्ल्स हाई स्कूल, प्रसिद्ध हुज़ुरपागा की स्थापना की ।