Aaj Kyu Khas News Desk !!! सनातन धर्म में माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि बहुत महत्वपूर्ण मानी गई है, क्योंकि ये दिन पंचमी तिथि ज्ञान और बुद्धि की देवी मां सरस्वती का दिन होता है । पुराणाओं की मान्यताओं के अनुसार, इस दिन मां सरस्वती की विधि अनुसार पूजा करने से ज्ञान बुद्धि और विवेक में वृद्धि होती है। वहीं, वाणी में भी मधुरता आती है । आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, इस को रतिकाम महोत्सव भी कहा जाता है । वर्ष 2022 में वसंत पंचमी यानी सरस्वती पूजा पर तीन शुभ योगों का संगम हो रहा है जिसकी वजह से यह तिथि अत्यंत शुभ मानी जा रही है ।

बता दें कि, वसंत पंचमी से वसंत ऋतु की शुरुआत हो जाती है और वातावरण में कई बदलाव आते हैं । इस दिन से वातावरण बहुत खुशहाल हो जाता है और ठंड कम होने लगती है ।पुराणाओं की मान्यताओं के अनुसार, भक्तों को वसंत पंचमी पर कुछ विशेष उपाय करने चाहिए । हिंदू धर्म में बसंत पंचमी पूजा का विशेष महत्व है, यह पर्व हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस साल बसंत पंचमी 05 फरवरी को मनाई जा रही है । इस दिन ज्ञान और वाणी की देवी मां शारदा की पूजा अर्चना की जाती हैं। शास्त्र के अनुसार भगवान विष्णु और भगवान महेश के कहने पर ब्रह्मा जी ने मां सरस्वती को कल के दिन प्रकट किया था। बसंत पंचमी सरस्वती माता का जन्म दिन को रूप में मनाया जाता है ।

पुराणों में बताया गया है कि, बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा करने के बाद कामदेव और उनकी पत्नी रति की पूजा करनी चाहिए । बसंत पंचमी के दिन माता को भोग लगाने के लिए पीला मीठा चावल बनाया जाता है । ऐसी मान्यता है कि माता को पीला रंग का भोग लगाने से वह बहुत जल्द प्रसन्न होती है ।