मुंबई, 02 जुलाई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। राजस्थान की सब इंस्पेक्टर भर्ती 2021 में अपनी जगह डमी कैंडिडेट से परीक्षा दिलाने के मामले में आरोपी ट्रेनी एसआई मंजू विश्नोई को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस एन. नागेश्वर राव की खंडपीठ ने यह जमानत मंजूर की। याचिका पर सुनवाई के दौरान मंजू के अधिवक्ता वेदांत शर्मा ने अदालत को बताया कि उनकी मुवक्किल पिछले 15 महीने से जेल में बंद है और अब तक मामले में आरोप तय भी नहीं हुए हैं। वकील ने बताया कि इस केस में 110 आरोपी, 433 दस्तावेजी सबूत और 122 गवाह हैं, जिससे ट्रायल लंबा चल सकता है। इस आधार पर कोर्ट से जमानत की मांग की गई थी।
इससे पहले राजस्थान हाईकोर्ट ने 13 मई को मंजू की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था, जिसके बाद मंजू ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। जांच एजेंसी एसआईटी ने मंजू विश्नोई को 3 अप्रैल 2024 को गिरफ्तार किया था। उस पर आरोप है कि उसने अपने साथ अपनी बहन संतोष विश्नोई की जगह भी डमी कैंडिडेट छम्मी को परीक्षा में बैठाया था। दोनों बहनें फिलहाल जेल में हैं। एसआईटी की रिपोर्ट के अनुसार, एसआई भर्ती में कुल पांच महिला ट्रेनी एसआई ने डमी कैंडिडेट के जरिए परीक्षा पास की थी, जिनमें मंजू विश्नोई, संतोष विश्नोई, भगवती विश्नोई, इंदूबाला और हरकू के नाम शामिल हैं। इनमें से भगवती विश्नोई को पहले ही जमानत मिल चुकी है।
इस मामले के समानांतर प्रदेश में फर्जी डिग्री बनवाने के बड़े घोटाले में भी सुप्रीम कोर्ट ने पहली बार दो आरोपियों को जमानत दी है। कोर्ट की उसी खंडपीठ ने प्रमजीत सिंह और मनदीप सिंह को जमानत दी। प्रमजीत सिंह इस प्रकरण के मुख्य आरोपी सुभाष पूनिया का बेटा है, जिस पर आरोप है कि फर्जी डिग्री से मिलने वाला पैसा उसके बैंक खाते में जमा होता था। हाईकोर्ट ने उसकी जमानत याचिका फरवरी में खारिज की थी। वहीं, मनदीप सिंह पर आरोप है कि उसने अपनी पत्नी सुमन के लिए फर्जी डिग्री बनवाई थी और बदले में पैसे प्रमजीत सिंह के खाते में ट्रांसफर किए थे। मनदीप की पत्नी सुमन भी इस मामले में जेल में है और उसकी जमानत याचिका मई में खारिज हुई थी। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद डमी कैंडिडेट और फर्जी डिग्री घोटाले से जुड़े मामलों में अन्य आरोपियों को भी राहत की उम्मीद जगी है।