जयपुर न्यूज डेस्क: जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से सफर करने वाले यात्रियों की संख्या लगातार घट रही है। पिछले सात महीनों में करीब डेढ़ लाख पैसेंजर्स कम हो चुके हैं। फ्लाइट डायवर्जन, कैंसिलेशन और सीमित शहरों तक ही उड़ानों के संचालन की वजह से यात्री अब एयरपोर्ट की बजाय सड़क मार्ग को ज्यादा सुरक्षित और सुविधाजनक मान रहे हैं। यही कारण है कि एयरलाइन कंपनियां भी जयपुर से उड़ानों को लेकर दोबारा सोच रही हैं।
अंकड़ों पर नजर डालें तो जनवरी 2025 में यहां से 5 लाख 69 हजार से ज्यादा पैसेंजर्स ने सफर किया था, जो जुलाई तक घटकर 4 लाख 19 हजार पर आ गया। सिर्फ मई महीने में ही यह संख्या 4 लाख से नीचे पहुंच गई थी। 2024 की तुलना में इस साल अप्रैल से जुलाई तक यात्रीभार में औसतन 11.2% की गिरावट दर्ज की गई है। यह सिलसिला पिछले साल की तुलना में भी जारी है, जब जुलाई 2024 में जहां 4 लाख 68 हजार यात्रियों ने सफर किया था, वहीं इस साल जुलाई में यह आंकड़ा करीब 10% घटकर रह गया।
यात्रियों का कहना है कि जयपुर से सीमित कनेक्टिविटी और एयरपोर्ट पर सुविधाओं की कमी उनकी सबसे बड़ी परेशानी है। यही कारण है कि वे जयपुर की बजाय नजदीकी दूसरे एयरपोर्ट से उड़ान भरना पसंद कर रहे हैं। एविएशन विशेषज्ञों का मानना है कि रनवे रिकार्पेटिंग और कुछ समय पहले अंतरराष्ट्रीय तनाव के कारण एयरलाइन कंपनियों ने फ्लाइट्स की संख्या घटा दी थी। इसके चलते पैसेंजर्स का भरोसा डगमगा गया।
फिलहाल एयरपोर्ट प्रशासन भी इन आंकड़ों से चिंतित है और उम्मीद की जा रही है कि आने वाले ट्यूरिस्ट सीजन के साथ उड़ानों की संख्या बढ़ेगी और संचालन सुचारु होगा। यदि ऐसा होता है तो जयपुर एयरपोर्ट पर पैसेंजर ट्रैफिक दोबारा संभल सकता है।