जयपुर न्यूज डेस्क: परिवहन विभाग में आरटीओ इंस्पेक्टर और उनकी टीम पर भ्रष्टाचार के आरोप लगातार लगते रहे हैं। खासकर हाईवे पर अक्सर यह देखा जाता है कि 5-10 ट्रक सड़क किनारे खड़े होते हैं और परिवहन विभाग की गाड़ी उनके आगे रुक जाती है। इस गाड़ी में आरटीओ इंस्पेक्टर और उनकी टीम होती है, जो चालान के नाम पर ट्रक चालकों से वसूली करती है। कई बार ऐसे वीडियो भी सामने आते हैं जिनमें टीम वसूली करते हुए कैमरे में कैद हो जाती है। कुछ दिन पहले चित्तौड़गढ़ में महिला इंस्पेक्टर मुक्ता सोनी एक ट्रक ड्राइवर को पीटते हुए देखी गई थीं। इससे पहले जयपुर के दिल्ली रोड पर भी एक आरटीओ इंस्पेक्टर को लोगों ने दौड़ा-दौड़ा कर पीटा था।
गुरुवार, 11 सितंबर को आरटीओ हेल्पलाइन पर एक ट्रक ड्राइवर ने शिकायत की कि फ्लाइंग टीम का एक गार्ड 200 रुपए रिश्वत के लिए मांग रहा था। हेल्पलाइन पर चालक से केवल घटना का स्थान पूछा गया। बाद में आरटीओ प्रथम राजेंद्र सिंह शेखावत ने जांच के बिना ही टीम पर कार्रवाई कर दी। फ्लाइंग टीम में लगे तीन गार्ड्स को REXCO भेज दिया गया जबकि इंस्पेक्टर को ऑफिस में अटैच कर दिया गया। शिकायतकर्ता ने कोई पुख्ता सबूत नहीं दिए थे, केवल कॉल करके जानकारी दी थी।
जयपुर आरटीओ प्रथम शेखावत ने कहा कि अवैध वसूली की शिकायत मिलने पर तुरंत कार्रवाई की जाती है। वाहन चालक या मालिक हेल्पलाइन नंबर 6367479830 पर कॉल या मैसेज करके शिकायत दर्ज करा सकते हैं। शेखावत ने यह भी कहा कि भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जा रही है और हर शिकायत को गंभीरता से लिया जाता है।
परिवहन दस्ते में निजी गार्ड्स भी शामिल होते हैं, जिन्हें राजस्थान पूर्व सैनिक निगम लिमिटेड (REXCO) के माध्यम से अनुबंध पर रखा जाता है। पिछले एक साल में 20 से अधिक गार्ड्स को रेक्सो भेजा जा चुका है। यह कदम भ्रष्टाचार रोकने और ट्रक चालकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।