कराकस: अमेरिका और वेनेजुएला के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है, और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस विवाद में एक बड़ा कदम उठाने का दावा किया है। ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर घोषणा की है कि वेनेजुएला को अमेरिकी नौसेना के "दक्षिण अमेरिका के इतिहास में अब तक के सबसे बड़े" बेड़े से घेर लिया गया है। इस घोषणा ने दोनों देशों के बीच पहले से ही तनावपूर्ण संबंधों को और हवा दे दी है।
ट्रंप ने अपनी पोस्ट में वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो की "अवैध" सरकार को खुली धमकी दी, जिसमें उन्होंने दावा किया कि वेनेजुएला को एक ऐसा झटका लगेगा जो उन्होंने पहले कभी नहीं देखा होगा। ट्रंप की इस सख्त चेतावनी का मुख्य केंद्र वेनेजुएला की तेल संपदा और अन्य संपत्ति है, जिसे अमेरिकी राष्ट्रपति ने दावा किया कि वेनेजुएला ने अमेरिका से "चुराया" है। उन्होंने कहा कि जब तक वेनेजुएला संयुक्त राज्य अमेरिका को सारा तेल, जमीन और अन्य संपत्ति वापस नहीं कर देता, तब तक यह कार्रवाई जारी रहेगी।
तेल, आतंकवाद और मादुरो पर आरोप
अमेरिकी प्रशासन ने वेनेजुएला पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसके चलते वेनेजुएला शासन को "विदेशी आतंकवादी संगठन" घोषित किया गया है। ट्रंप ने आरोप लगाया कि मादुरो शासन इन "चुराए गए तेल क्षेत्रों" से प्राप्त राजस्व का उपयोग स्वयं को वित्त पोषित करने के साथ-साथ मादक पदार्थों के आतंकवाद, मानव तस्करी, हत्या और अपहरण जैसी अवैध गतिविधियों के लिए कर रहा है।
अमेरिकी सैन्य कार्रवाई के पीछे प्रमुख मकसद ड्रग्स की तस्करी के नेटवर्क को खत्म करना बताया जा रहा है। अमेरिका का दावा है कि वेनेजुएला से अमेरिका में बड़े पैमाने पर नशीले पदार्थों की तस्करी की जा रही है, जिससे अमेरिकी नागरिक नशे की लत का शिकार हो रहे हैं। इसी क्रम में, अमेरिकी नौसेना ने हाल ही में कैरेबियन सागर में वेनेजुएला के एक तेल टैंकर को जब्त करने की कार्रवाई को अंजाम दिया था, जिसे ट्रंप प्रशासन ने अपनी बड़ी जीत बताया था।
मादुरो ने बताया 'अंतर्राष्ट्रीय डकैती'
वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने इस अमेरिकी कार्रवाई को "संप्रभुता का उल्लंघन" और "अंतर्राष्ट्रीय समुद्री डकैती का कार्य" करार दिया है। मादुरो का कहना है कि अमेरिका की नज़र वेनेजुएला के विशाल तेल भंडार पर है और वह ड्रग्स तस्करी को केवल एक बहाना बना रहा है। वेनेजुएला सरकार ने कहा है कि वह अपनी संप्रभुता और प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा पूरी दृढ़ता के साथ करेगी और इस मामले को संयुक्त राष्ट्र में उठाएगी।
रूस और चीन का समर्थन
यह विवाद केवल दो देशों तक सीमित नहीं है। वेनेजुएला को रूस और चीन का समर्थन प्राप्त है, जिससे यह भू-राजनीतिक टकराव एक अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बन गया है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हाल ही में मादुरो से फोन पर बात कर उन्हें अपना "निरपेक्ष समर्थन" दोहराया, जिससे ट्रंप प्रशासन के खेमे में खलबली मच गई है। रूस ने वेनेजुएला की संप्रभुता और राष्ट्रीय हितों की रक्षा की लड़ाई में समर्थन जारी रखने का वादा किया है।
अमेरिकी नौसेना की इस बड़े पैमाने पर तैनाती और तेल टैंकरों की ज़ब्ती ने वेनेजुएला की पहले से ही संकटग्रस्त अर्थव्यवस्था पर और दबाव बढ़ा दिया है। इस स्थिति ने वेनेजुएला के साथ व्यापार करने वाले जहाजों के मालिकों और ऑपरेटरों के बीच एक "बड़ी चिंता" पैदा कर दी है। ट्रंप प्रशासन का यह कदम मादुरो शासन को सत्ता से हटाने के लिए आर्थिक प्रतिबंधों और सैन्य दबाव की नीति में एक नया, अधिक आक्रामक चरण दर्शाता है। क्षेत्र में तनाव लगातार बढ़ रहा है, जिससे एक बड़े सैन्य संघर्ष की आशंका भी बनी हुई है।