मुंबई, 04 जून, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में मंगलवार देर रात हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी के बयान को एक पत्रकार ने सरेआम खारिज कर दिया। बिलावल ने दावा किया था कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले को भारत सरकार राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल कर रही है और इसका मकसद भारत के मुसलमानों को बदनाम करना है। इस पर एक पत्रकार ने तुरंत सवाल खड़ा करते हुए कहा कि वह खुद भारतीय सेना की प्रेस ब्रीफिंग देख चुके हैं, जिसमें मुस्लिम अधिकारी ही सामने थे। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी साझा की थी, जिनमें कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह शामिल थीं।
बिलावल भुट्टो ने प्रेस वार्ता में कहा कि पाकिस्तान भारत के साथ शांति चाहता है लेकिन शर्तों पर नहीं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भारत ने बिना जांच और सबूत के पाकिस्तान को हमले का जिम्मेदार ठहरा दिया, जबकि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस मामले की जांच में सहयोग देने की बात कही थी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने हमेशा आतंकवाद की निंदा की है और इस लड़ाई में उसे भारी कीमत चुकानी पड़ी है। उन्होंने दोनों देशों के बीच मौजूदा तनाव पर चिंता जताई और कहा कि चूंकि दोनों देश परमाणु संपन्न हैं, ऐसे में हालात और गंभीर हो सकते हैं।
इस बीच पाकिस्तान ने भी विदेशों में अपनी बात रखने के लिए एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भेजा है, जिसकी अगुवाई बिलावल भुट्टो जरदारी कर रहे हैं। यह प्रतिनिधिमंडल न्यूयॉर्क, वाशिंगटन डीसी, लंदन और ब्रुसेल्स की यात्रा करेगा। इसमें जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. मुसद्दिक मलिक, पूर्व सूचना मंत्री शेरी रहमान, विदेश मामलों की संसदीय समिति की प्रमुख हिना रब्बानी खार, पूर्व रक्षा मंत्री खुर्रम दस्तगीर खान, पूर्व समुद्री मामलों के मंत्री सैयद फैसल अली सबजवारी, सीनेटर बुशरा अंजुम बट, पूर्व विदेश सचिव जलील अब्बास जिलानी और तहमीना जंजुआ शामिल हैं। इसके अलावा प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के विशेष सहायक सैयद तारिक फातिमी की अगुवाई में एक अन्य प्रतिनिधिमंडल रूस के दौरे पर भेजा गया है।