मंगलवार को राजस्थान में साइबर सुरक्षा की एक बड़ी चूक सामने आई, जब पाकिस्तानी हैकर्स ने राज्य के शिक्षा विभाग की आधिकारिक वेबसाइट को हैक कर लिया। वेबसाइट के होमपेज पर “Pakistan Cyber Force” के नाम से एक संदेश लिखा गया—“अगला हमला गोलियों से नहीं, टेक्नोलॉजी से होगा।” इस आपत्तिजनक संदेश ने न केवल तकनीकी सुरक्षा पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि भारत-पाक तनाव के डिजिटल विस्तार की ओर भी इशारा किया है।
सूत्रों के अनुसार, इस घटना के तुरंत बाद शिक्षा विभाग ने वेबसाइट को रिकवर करने की प्रक्रिया शुरू कर दी। फिलहाल साइट को सुरक्षित करने के लिए साइबर विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है। इस हमले की टाइमिंग भी अहम है, क्योंकि यह पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव के माहौल में हुआ है। माना जा रहा है कि यह साइबर अटैक उसी तनाव का डिजिटल रूप हो सकता है।
हैकर्स द्वारा वेबसाइट पर एक पोस्टर भी लगाया गया जिसमें पाकिस्तान समर्थक संदेश और भारत विरोधी कंटेंट था। इससे पहले भी भारत सरकार ने सुरक्षा कारणों से कई पाकिस्तानी वेबसाइट्स और सोशल मीडिया हैंडल्स पर प्रतिबंध लगाया था। सोमवार को ही भारत ने पाकिस्तान के 17 यूट्यूब चैनल्स को बैन किया था, जिन पर राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देने के आरोप लगे थे।
इस बीच एक और बड़ी कार्रवाई में भारत सरकार ने मंगलवार को पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के X (पूर्व में ट्विटर) हैंडल को भी बैन कर दिया। दरअसल, ख्वाजा आसिफ का एक वीडियो सामने आया था जिसमें उन्होंने स्वीकार किया कि पाकिस्तान लंबे समय से आतंकवादी संगठनों की फंडिंग करता आया है। इस वीडियो के वायरल होते ही भारत ने डिजिटल मंचों पर जवाबी कार्रवाई शुरू कर दी।
इससे पहले सोमवार रात को पाकिस्तानी हैकर्स ने जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA) और नगरीय विकास विभाग (DLB) की वेबसाइट्स को भी हैक किया था। दोनों पर पाकिस्तान समर्थक कंटेंट पोस्ट किया गया था, लेकिन जल्द ही वेबसाइट्स को रिकवर कर लिया गया। अब मंगलवार को शिक्षा विभाग की वेबसाइट को भी हैक करने से यह स्पष्ट होता है कि भारतीय वेबसाइट्स पर एक संगठित साइबर हमला चल रहा है।
इसके अलावा, पाकिस्तानी हैकरों ने उत्तराखंड के आर्मी पब्लिक स्कूल रानीखेत और जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर स्थित आर्मी पब्लिक स्कूल की वेबसाइट्स को भी निशाना बनाया। इन हमलों में "IOK Hacker" नाम के समूह की भूमिका बताई जा रही है। इन साइट्स पर भड़काऊ सामग्री अपलोड करने की कोशिश की गई थी।
साथ ही, भारतीय वायु सेना के प्लेसमेंट पोर्टल और आर्मी वेलफेयर हाउसिंग ऑर्गेनाइजेशन (AWHO) की वेबसाइट्स पर भी सेंधमारी की कोशिश हुई, लेकिन समय रहते इन प्रयासों को विफल कर दिया गया। इन लगातार हो रहे साइबर हमलों ने भारत की डिजिटल सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट मोड में ला दिया है।
अब यह साफ हो चुका है कि भविष्य के युद्ध केवल सीमा पर नहीं, बल्कि साइबर स्पेस में भी लड़े जाएंगे। ऐसे में भारत को अपने डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को और अधिक सशक्त और सुरक्षित बनाने की आवश्यकता है।