जयपुर न्यूज डेस्क: भाजपा के पूर्व विधायक और प्रदेश प्रवक्ता रामलाल शर्मा ने कहा कि राजनेताओं द्वारा कार्यपालिका पर दिए जा रहे बयान अमर्यादित और सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के प्रयास हैं। उन्होंने ऐसे बयानों को समाज में अराजकता फैलाने वाला बताते हुए कड़ी निंदा की। रामलाल ने कहा कि राजस्थान की राजनीति को इन घटनाओं ने शर्मसार किया है, जिसे प्रदेश की जनता स्वीकार नहीं करेगी।
रामलाल शर्मा ने बताया कि भारत में लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत व्यवस्थापिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका की स्थापना हुई थी। लेकिन कुछ राजनेता अब कानून और नैतिकता के विरुद्ध कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जनता के मुद्दों को उठाना और सरकार का ध्यान आकर्षित करना राजनीति का अहम हिस्सा है, लेकिन सस्ती लोकप्रियता के लिए इस तरह के कृत्य अस्वीकार्य हैं।
उन्होंने बाड़मेर की घटना का उदाहरण दिया, जहां एक जनप्रतिनिधि ने कानून हाथ में लेते हुए कार्य में बाधा डाली और उसकी रील सोशल मीडिया पर वायरल की। इसी तरह नागौर के एक नेता का बयान, जिसमें थप्पड़ मारने की बात कही गई, पूरी तरह से अनुचित है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक स्थान पर कार्यपालिका को लज्जित करना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
देवली-उनियारा की घटना में एक प्रशासनिक अधिकारी पर हमला कर सोशल मीडिया पर रील पोस्ट की गई। रामलाल ने कहा कि इस तरह की घटनाएं युवाओं को भड़काने और कानून तोड़ने के लिए प्रेरित कर रही हैं। नेताओं को युवाओं के भविष्य को ध्यान में रखते हुए ऐसे कृत्यों से बचना चाहिए।
उन्होंने राष्ट्रीय राजनीति से जुड़े एक नेता के बयान पर भी आपत्ति जताई, जिसमें "जूते की नोक पर काम करवाने" की बात कही गई थी। रामलाल ने इसे समाज में वैमनस्यता और द्वेष फैलाने वाला बताया। उन्होंने कहा कि इस तरह की बयानबाजी से राजस्थान की राजनीति का सम्मान गिर रहा है।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि राजस्थान की राजनीति हमेशा से विचारधारा और सिद्धांतों के आधार पर चली है। व्यक्तिगत लांछन लगाने और सनसनी फैलाने के लिए विचारों की अभिव्यक्ति करना अनुचित है। रामलाल ने अपील की कि राजनेता समाज में सौहार्द्र और भाईचारा बनाए रखने के लिए जिम्मेदारी से काम करें।