महेंद्र जुनेजा/अभियान जयपुर राजस्थान : सभी दुपहियां एवं चौपहिया वाहनों के स्वामियों से अपील है कि आप सभी मिलकर एन. जी. टी. के द्वारा 10 साल एवं 15 साल के लिए हम सभी पर जो नियम लगाए जा रहे हैं वे आम जनता के खिलाफ हैं। अतः उनको वापस लेना जरूरी है। क्योंकि यह नियम केवल व्यवसायिक वाहनों के लिए तो ठीक है परन्तु निजी वाहनों के लिए बिल्कुल भी लागू नहीं होने चाहिये। हम सभी भलीभांति जानते हैं कि निजी वाहन इतने समय में कुछ ज्यादा नही चल पाते हैं।

अति आवश्यक होने पर ही ये सडक पर निकलते हैं। सभी भाई परिवार की सुविधा के लिए ही वाहन खरीदते हैं ताकि बसों एवं ट्रेनों की भीड़ से बचा जा सके एवं इनकी मैनटेन्स का भी सभी भाई बहुत ज्यादा ध्यान रखते हैं। अपने शरीर से भी ज्यादा वाहन को मैन्टेन रखते हैं। जिस तरह हमारे शरीर का यदि कोई अंग बीमार हो जाता है तो उसका इलाज कराकर उसको सही करा लिया जाता है लेकिन एक अंग के ऊपर पूरे शरीर को ही नही बदला जाता है, ठीक उसी प्रकार वाहन का भी वही पार्ट बदलकर उसे भी ठीक करा लिया जाता है।
अतः वाहन को कन्डम घोषित करना हमारे ऊपर अन्याय है। बडी मुश्किल से एक एक पैसा जोडकर हम अपने परिवार के लिए यह सुविधा कर पाते हैं। लेकिन एन.जी.टी. के लोग कुछ घंटों की मीटिंग में ही हमारी फैमिली को इस सुविधा से वंचित कर देते हैं यह हम सभी के लिए बहुत ही बड़ा अन्याय है एवं अन्याय के उपर लडना हमारा अधिकार है। लेकिन हम सब चुप रहकर इस अन्याय के विरुद्ध आवाज नही उठाते हैं। अब हम सभी को एकता के सूत्र में बंधकर इसके विरुद्ध आवाज उठानी चाहिए ताकि सरकार की समझ में आ जाए कि हम लोग अब किसी भी ऐसे अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाने के लिए एकता के सूत्र में बंधकर सरकार के अन्यायपूर्ण नियमों का विरोध करेंगे एवं सरकार को ऐसे नियम वापस लेने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।
धन्यवाद।