अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर 2020 के राष्ट्रपति चुनाव को लेकर बड़े दावे किए हैं। उन्होंने इन चुनावों में बड़े पैमाने पर धांधली का आरोप लगाते हुए इसे "अमेरिका के इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला" बताया है और न्यायिक जांच की मांग की है। ट्रंप ने भविष्य में होने वाले चुनावों में ऐसी धांधली को रोकने के लिए मेल-इन वोटिंग की व्यवस्था को समाप्त करने और वोटर आईडी कार्ड को अनिवार्य बनाने की अपील भी की है। ट्रंप ने विशेष रूप से कैलिफ़ोर्निया के एक चुनावी प्रस्ताव की आलोचना की और चेतावनी दी कि अगर इस कथित धांधली की अब जांच नहीं की गई, तो आगामी चुनावों, विशेषकर मध्यावधि चुनावों में, इससे भी बड़े स्तर पर घोटाला हो सकता है।
ट्रुथ सोशल पर ट्रंप का विस्फोटक पोस्ट
राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर एक पोस्ट में अपने दावे को दोहराया। उन्होंने लिखा कि 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में इतने बड़े पैमाने पर धांधली हुई थी कि यह देश के इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला है। ट्रंप ने अप्रत्यक्ष रूप से वर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन पर निशाना साधते हुए कहा कि धांधली के कारण ही एक "बेवकूफ आदमी दुनिया के सबसे बड़े देशों में से एक अमेरिका का राष्ट्रपति बन गया।"
ट्रंप ने इस कथित चुनावी धांधली को "एनबीए जुआ घोटाला" जैसा बताते हुए न्यायिक विभाग से इस मामले की जांच को आगे बढ़ाने और किसी निष्कर्ष पर पहुंचने की उम्मीद जताई। उन्होंने आगाह किया कि अगर इस पर कार्रवाई नहीं हुई, तो आगामी मध्यावधि चुनावों में भी इसी तरह की धांधली दोहराई जा सकती है, जिससे अमेरिकी लोकतांत्रिक प्रक्रिया खतरे में पड़ सकती है।
ट्रंप के सभी दावे हुए हैं खारिज
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में हार के बाद से ही डोनाल्ड ट्रंप लगातार चुनावी धांधली के आरोप लगाते रहे हैं। उन्होंने मेल-इन मतपत्रों की चोरी, मृत लोगों के नाम पर वोटिंग और वोटिंग मशीनों में हेरफेर जैसे कई दावे किए थे। हालांकि, इन चुनावों के बाद, ट्रंप और उनके सहयोगियों द्वारा दायर किए गए $60$ से अधिक कानूनी मामले सबूतों के अभाव में देश भर की विभिन्न अदालतों और चुनाव अधिकारियों द्वारा सिरे से खारिज कर दिए गए हैं। यहां तक कि न्याय विभाग (DOJ) और साइबर सुरक्षा और अवसंरचना सुरक्षा एजेंसी (CISA) जैसी सरकारी एजेंसियों ने भी आधिकारिक तौर पर यह घोषणा की थी कि 2020 के चुनाव अमेरिकी इतिहास के सबसे सुरक्षित चुनाव थे।
इसके बावजूद, डोनाल्ड ट्रंप लगातार अपने इस दावे पर कायम हैं कि चुनाव में बड़े पैमाने पर धांधली हुई थी और वह चाहते हैं कि इस मामले की न्यायिक जांच हो, ताकि अमेरिकी चुनाव प्रणाली में कथित तौर पर हुई खामियों को दूर किया जा सके। उनकी यह मांग अमेरिकी राजनीति में 2020 के चुनाव को लेकर चल रहे विवाद को फिर से गरमा सकती है।