फ्रांस की राजधानी पेरिस के विश्व प्रसिद्ध लूव्र म्यूजियम (Louvre Museum) में हुई करोड़ों डॉलर की ज्वेलरी चोरी के मामले में पुलिस ने दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। यह चोरी 19 अक्टूबर को हुई थी, जिसने पूरे यूरोप में सनसनी फैला दी थी। अब जांच एजेंसियों ने दावा किया है कि गिरफ्तार किए गए दोनों संदिग्ध इस हाई-प्रोफाइल चोरी से सीधे तौर पर जुड़े हैं। जानकारी के अनुसार, दोनों आरोपी सीन-सेंट-डेनिस (Seine-Saint-Denis) इलाके के रहने वाले हैं, जो फ्रांस के सबसे पिछड़े और अपराध प्रभावित इलाकों में से एक माना जाता है। स्थानीय पुलिस के मुताबिक, इन संदिग्धों की गतिविधियों पर पहले से निगरानी रखी जा रही थी।
एयरपोर्ट पर हुई पहली गिरफ्तारी
फ्रांसीसी अधिकारियों ने बताया कि पहला संदिग्ध शनिवार रात करीब 10 बजे पेरिस-चार्ल्स डी गॉल एयरपोर्ट से पकड़ा गया। वह अल्जीरिया के लिए रवाना होने ही वाला था, तभी पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया। दूसरी गिरफ्तारी कुछ घंटे बाद पेरिस के ही एक उपनगर से की गई। बताया जा रहा है कि दूसरा संदिग्ध भी चोरी की योजना में अहम भूमिका निभा रहा था।
दोनों संदिग्धों की पृष्ठभूमि
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गिरफ्तार किए गए दोनों व्यक्तियों की उम्र लगभग 30 वर्ष बताई जा रही है। उनमें से एक फ्रांसीसी नागरिक है जबकि दूसरा फ्रांसीसी-अल्जीरियाई डुअल सिटिजन (दोहरी नागरिकता) रखता है। पुलिस को दोनों के बारे में पहले से कुछ इनपुट मिले थे और चोरी के बाद से ही उन पर नज़र रखी जा रही थी।
चोरी कैसे की गई?
यह चोरी लूव्र की ऐतिहासिक गैलरी डी'अपोलोन (Galerie d’Apollon) में हुई थी, जो अपनी दुर्लभ और कीमती आभूषणों की प्रदर्शनी के लिए जानी जाती है। 19 अक्टूबर को जब म्यूजियम खुला हुआ था, तब अपराधियों ने बेहद योजनाबद्ध तरीके से यह चोरी अंजाम दी। पुलिस की शुरुआती जांच में पता चला है कि चोरों ने ऊपर की एक खिड़की तक पहुंचने के लिए क्रेन का इस्तेमाल किया और फिर गैलरी में दाखिल होकर डिस्प्ले केस को विशेष काटने वाले उपकरणों से तोड़ा। महज सात मिनट के भीतर उन्होंने करीब 102 मिलियन डॉलर (लगभग 850 करोड़ रुपये) के आठ बेशकीमती हीरे और गहने चुरा लिए और मोटरबाइक से फरार हो गए।
चोरी का वीडियो आया सामने
घटना के कुछ दिनों बाद सोशल मीडिया पर चोरी से जुड़ा एक वीडियो सामने आया, जिसमें एक व्यक्ति को विजिटर्स के बीच घूमते हुए देखा जा सकता है। वह चुपचाप एक कांच के डिस्प्ले केस को काटता है और आभूषण निकाल लेता है। एक अन्य क्लिप में दो नकाबपोश चोरों को कंस्ट्रक्शन वर्कर की यूनिफॉर्म पहने हुए, चोरी के बाद हाइड्रोलिक लिफ्ट से भागते देखा गया। इन वीडियोज़ के आधार पर पुलिस ने चोरों की पहचान की दिशा में काम शुरू किया। तकनीकी सर्विलांस और मोबाइल लोकेशन डेटा की मदद से संदिग्धों का पता लगाया गया।
जांच में जुटी विशेष टीमें
फ्रांस की राष्ट्रीय पुलिस (National Police) और कल्चरल हेरिटेज यूनिट ने संयुक्त रूप से इस मामले की जांच की। अधिकारियों का मानना है कि इस चोरी के पीछे एक संगठित गैंग काम कर रहा है, जिसके तार अंतरराष्ट्रीय स्मगलिंग नेटवर्क से जुड़े हो सकते हैं। पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि चोरी किए गए हीरे और ज्वेलरी कहां रखे गए हैं और क्या उन्हें देश से बाहर भेजने की कोशिश की गई है।
लूव्र म्यूजियम की सुरक्षा पर उठे सवाल
इस घटना के बाद दुनिया के सबसे सुरक्षित माने जाने वाले संग्रहालयों में से एक, लूव्र, की सुरक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल उठे हैं। माना जा रहा है कि अपराधियों ने म्यूजियम की सुरक्षा प्रणाली की गहराई से जानकारी जुटाई थी और उसी के आधार पर उन्होंने यह चोरी अंजाम दी।