भारत एक ऐसी अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहा है जहाँ विकास की नींव केवल नीतियाँ नहीं, बल्कि जन-भागीदारी है। हर साल 1 फरवरी को जब वित्त मंत्री संसद में अपना बजट ब्रीफकेस (या अब डिजिटल टैबलेट) लेकर पहुँचती हैं, तो पूरे देश की धड़कनें तेज हो जाती हैं। लेकिन केंद्रीय बजट 2026-27 कुछ अलग होने वाला है। इस बार सरकार ने बजट बनाने की प्रक्रिया को 'ड्राइंग रूम' की चर्चाओं से निकालकर 'आम आदमी के मोबाइल' तक पहुँचा दिया है।
जन-भागीदारी से बनेगा 'विकसित भारत' का रोडमैप
वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट संदेश दिया है कि बजट केवल आंकड़ों का खेल नहीं है, बल्कि यह 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं का प्रतिबिंब होना चाहिए। इसीलिए सरकार ने MyGov.in पोर्टल के माध्यम से जनता से सीधे सुझाव मांगे हैं। यह कदम दिखाता है कि सरकार 'बॉटम-अप' अप्रोच अपना रही है, जहाँ जमीन से जुड़े मुद्दों को सीधे नीति-निर्धारकों तक पहुँचाया जा सके।
आप कैसे दे सकते हैं अपना सुझाव? (स्टेप-बाय-स्टेप गाइड)
अगर आपके पास टैक्स छूट, स्टार्टअप्स के लिए बेहतर माहौल या शिक्षा क्षेत्र में सुधार के लिए कोई बेहतरीन विचार है, तो उसे दबाकर न रखें। यहाँ बताया गया है कि आप अपनी आवाज़ सरकार तक कैसे पहुँचा सकते हैं:
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वेबसाइट पर जाएँ: सबसे पहले अपने ब्राउज़र में MyGov.in टाइप करें।
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बजट सेक्शन खोजें: होमपेज पर आपको "Union Budget 2026-27" का विशेष बैनर या माइक्रो-साइट लिंक दिखाई देगा।
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लॉग-इन करें: अपने मोबाइल नंबर और ओटीपी (OTP) के जरिए सुरक्षित तरीके से लॉग-इन करें।
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अपना सुझाव लिखें: यहाँ एक फॉर्म या कमेंट बॉक्स होगा। अपनी बात को संक्षेप में और स्पष्टता के साथ लिखें। आप अपनी फाइलें (जैसे PDF या इमेज) भी अपलोड कर सकते हैं।
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ऐप का उपयोग: आप अपने स्मार्टफोन पर 'MyGov' ऐप डाउनलोड करके भी कहीं से भी सुझाव भेज सकते हैं।
किन क्षेत्रों पर है सरकार का ध्यान?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट-पूर्व बैठकों (Pre-Budget Consultations) में पहले से ही सक्रिय हैं। इस बार के बजट में मुख्य रूप से निम्नलिखित क्षेत्रों पर सुझावों की अपेक्षा की जा रही है:
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आयकर (Income Tax): क्या मिडिल क्लास को और अधिक छूट मिलनी चाहिए?
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रोजगार सृजन: युवाओं के लिए स्किल डेवलपमेंट और नौकरियों के नए अवसर कैसे पैदा हों?
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कृषि और ग्रामीण विकास: किसानों की आय दोगुनी करने के लिए किन नई तकनीकों की जरूरत है?
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महंगाई पर नियंत्रण: रोजमर्रा की चीजों के दाम स्थिर रखने के लिए क्या उपाय किए जाएँ?
1 फरवरी: उम्मीदों का दिन
संसदीय परंपरा के अनुसार, 1 फरवरी 2026 को वित्त मंत्री देश का बही-खाता पेश करेंगी। यह बजट विशेष होगा क्योंकि यह 2047 तक 'विकसित भारत' के लक्ष्य की ओर एक और मजबूत कदम होगा। बजट पेश करने से पहले सरकार उद्योग निकायों, अर्थशास्त्रियों, व्यापार संघों और अब आपसे (आम जनता) मिले इनपुट का विश्लेषण करेगी।
निष्कर्ष लोकतंत्र में बजट का मतलब केवल सरकारी खर्च नहीं, बल्कि नागरिकों की प्राथमिकताएं हैं। सरकार को सुझाव देकर आप न केवल अपनी बात रख रहे हैं, बल्कि राष्ट्र निर्माण में भी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। तो इंतज़ार किस बात का? आज ही लॉगिन करें और अपने सुझाव साझा करें।