हफ्ते के तीसरे कारोबारी दिन, बुधवार को भारतीय शेयर बाजार में हलचल तो दिखी, लेकिन रफ्तार कुछ धीमी रही। बाजार की शुरुआत 'सुस्त' कही जा सकती है, जहां निवेशकों ने सावधानी बरतते हुए कदम आगे बढ़ाए। वैश्विक बाजारों से मिल रहे मिले-जुले संकेतों और घरेलू स्तर पर सेक्टोरल रोटेशन के कारण बाजार एक सीमित दायरे में कारोबार करता नजर आया।
बाजार का शुरुआती लेखा-जोखा
सुबह बाजार खुलते ही सेंसेक्स और निफ्टी दोनों हरे निशान में जरूर थे, लेकिन बढ़त बहुत मामूली थी। सुबह करीब 9:20 बजे:
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BSE सेंसेक्स: 30 शेयरों वाला यह प्रमुख इंडेक्स 0.08% (68.85 अंक) की हल्की तेजी के साथ 85,593.69 के स्तर पर देखा गया।
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NSE निफ्टी: निफ्टी में भी 0.07% (19.05 अंक) का मामूली उछाल आया और यह 26,194.75 के स्तर पर कारोबार करता मिला।
शुरुआती कारोबार में बाजार ने अपनी रिकॉर्ड ऊंचाई के करीब टिके रहने की कोशिश की, लेकिन ऊपरी स्तरों पर मुनाफावसूली का दबाव भी साफ महसूस किया गया।
दिग्गज शेयरों की चाल: IT में गिरावट, पावर और बैंकिंग में जोश
बाजार की सुस्ती के पीछे सबसे बड़ा कारण IT सेक्टर में दिख रही बिकवाली रही। सेंसेक्स के 'टॉप लूजर्स' और 'गेनर्स' की सूची पर नजर डालें तो स्थिति स्पष्ट हो जाती है:
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बढ़त वाले शेयर (Gainers): NTPC, बजाज फाइनेंस, अडानी पोर्ट्स, ट्रेंट, BEL, कोटक महिंद्रा बैंक और एक्सिस बैंक जैसे शेयरों में खरीदारी का माहौल दिखा। इन शेयरों में 0.74% तक की तेजी दर्ज की गई। पावर और बैंकिंग सेक्टर ने बाजार को नीचे गिरने से बचाने में अहम भूमिका निभाई।
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गिरावट वाले शेयर (Losers): IT सेक्टर के दिग्गजों पर दबाव बना रहा। इंफोसिस, टेक महिंद्रा और HCL टेक्नोलॉजीज जैसे शेयरों में 0.8% तक की गिरावट आई, जिसने इंडेक्स की बढ़त को सीमित कर दिया।
ब्रॉडर मार्केट और सेक्टर्स: मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में मुख्य बेंचमार्क के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन दिखा। निफ्टी मिडकैप 100 में 0.24% और स्मॉलकैप 100 में 0.38% की तेजी रही। सेक्टोरल तौर पर निफ्टी रियल्टी (0.91%) और निफ्टी मीडिया (0.55%) सबसे ज्यादा चमकने वाले सेक्टर रहे।
वैश्विक संकेत: अमेरिकी GDP के दमदार आंकड़ों का असर
भारतीय बाजार पर वैश्विक संकेतों का मिला-जुला असर रहा। बुधवार को एशियाई बाजारों में क्रिसमस ईव की छुट्टियों के कारण कारोबार की मात्रा कम रही। जापान का निक्केई 225 और दक्षिण कोरिया का KOSPI बढ़त के साथ बंद हुए, जबकि ऑस्ट्रेलियाई बाजार में गिरावट दिखी।
दूसरी ओर, अमेरिकी बाजार से सकारात्मक खबरें आईं। तीसरी तिमाही के GDP आंकड़ों ने निवेशकों का उत्साह बढ़ाया:
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GDP ग्रोथ: जुलाई–सितंबर तिमाही में अमेरिका की GDP 4.3% की दर से बढ़ी, जो पिछली तिमाही के 3.8% से काफी बेहतर है।
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नया रिकॉर्ड: इन मजबूत आंकड़ों के चलते अमेरिकी बाजार लगातार चौथे सत्र में बढ़त के साथ बंद हुए। S&P 500 ने एक नया क्लोजिंग रिकॉर्ड बनाया, वहीं नैस्डैक और डॉव जोन्स में भी उछाल देखा गया।
देरी की वजह: गौरतलब है कि अमेरिका के ये जीडीपी आंकड़े सरकारी शटडाउन के कारण करीब 43 दिन की देरी से जारी किए गए, लेकिन उपभोक्ताओं के खर्च और निर्यात में तेजी ने अमेरिकी इकोनॉमी की मजबूती को साबित कर दिया है।