राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक बड़े आतंकी हमले की साजिश को दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने विफल कर दिया है। एक हाई-प्रोफाइल ऑपरेशन में, पुलिस ने आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (ISIS) से प्रेरित एक मॉड्यूल से जुड़े दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। सुरक्षा एजेंसियों को मिली गुप्त सूचना के आधार पर की गई यह कार्रवाई, दिल्ली के अति-व्यस्त और भीड़-भाड़ वाले इलाकों को निशाना बनाने की एक बड़ी योजना को नाकाम करती है।
गिरफ्तार किए गए दोनों संदिग्धों में से एक की पहचान अदनान के रूप में हुई है, जो दिल्ली का निवासी बताया जा रहा है। दूसरे संदिग्ध को मध्य प्रदेश से गिरफ्तार किया गया है। यह गिरफ्तारी भारतीय शहरों में अंतर्राष्ट्रीय आतंकी संगठनों की बढ़ती पैठ और उनके अंतर-राज्यीय नेटवर्क को उजागर करती है।
आत्मघाती हमले की तैयारी, हाई-प्रोफाइल टारगेट
प्रारंभिक जांच में जो तथ्य सामने आए हैं, वे बेहद चिंताजनक हैं। पुलिस सूत्रों ने पुष्टि की है कि दोनों गिरफ्तार आतंकवादी आत्मघाती हमले (Suicide Attacks) को अंजाम देने की पूरी ट्रेनिंग ले चुके थे। उनके पास से बरामद संदिग्ध सामग्री और गोला-बारूद (Ammunition) इस बात का प्रमाण है कि वे अपनी खतरनाक योजनाओं को अंतिम रूप देने के काफी करीब थे। स्पेशल सेल के अधिकारियों के अनुसार, इन संदिग्धों के निशाने पर दिल्ली के सबसे अधिक भीड़-भाड़ वाले और संवेदनशील क्षेत्र थे। यह संकेत देता है कि उनका उद्देश्य अधिकतम हताहतों और व्यापक दहशत को फैलाना था, जो ISIS जैसे संगठनों की विशिष्ट रणनीति रही है।
ऑपरेशन और गिरफ्तारियां
खुफिया एजेंसियों से मिली जानकारी के बाद दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने तुरंत कार्रवाई शुरू की। मॉड्यूल से जुड़े एक प्रमुख सदस्य को राजधानी दिल्ली से गिरफ्तार किया गया, जबकि दूसरे संदिग्ध को भोपाल, मध्य प्रदेश से पकड़ा गया। इन दो अलग-अलग राज्यों से गिरफ्तारी होना, इस मॉड्यूल के व्यापक और समन्वित नेटवर्क की जटिलता को दर्शाता है। पुलिस अब इन संदिग्धों से गहन पूछताछ कर रही है ताकि उनके स्थानीय संपर्कों, फंडिंग स्रोतों और उन्हें प्रशिक्षण देने वाले विदेशी आकाओं के बारे में जानकारी जुटाई जा सके। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि यह मॉड्यूल सिर्फ दो लोगों तक सीमित नहीं होगा, और इसके कई स्लीपर सेल या सहयोगी देश के अन्य हिस्सों में भी सक्रिय हो सकते हैं।
राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर खतरा
इस भंडाफोड़ ने देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए उत्पन्न हो रहे खतरों को एक बार फिर उजागर कर दिया है। विशेष रूप से, आत्मघाती हमलावरों का प्रशिक्षण लेना और उनके पास से गोला-बारूद की बरामदगी यह संकेत देती है कि ISIS अब भारत में अपने 'लोन वुल्फ' (Lone Wolf) या छोटे, अत्यधिक प्रेरित समूहों को सक्रिय करने की रणनीति पर काम कर रहा है। पिछले कुछ वर्षों में, भारतीय सुरक्षा एजेंसियां लगातार ISIS और उसके स्थानीय समर्थकों द्वारा युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और उन्हें आतंकी गतिविधियों के लिए प्रेरित करने के प्रयासों को नाकाम करती रही हैं। दिल्ली पुलिस की यह सफलता आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जिसने एक संभावित बड़े मानवीय संकट को टाल दिया है।
जांच का दायरा बढ़ा
गिरफ्तार संदिग्ध अदनान और उसके सहयोगी से मिली जानकारी के आधार पर, जांच का दायरा अब दिल्ली और मध्य प्रदेश से बाहर अन्य राज्यों तक बढ़ाया जा रहा है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या इन आतंकवादियों को कोई विशेष लक्ष्य (High-Value Target) सौंपा गया था, और क्या उनका इरादा आगामी त्योहारों के दौरान अराजकता फैलाने का था। सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के मॉड्यूल्स के भंडाफोड़ के लिए राज्य पुलिस बलों, केंद्रीय एजेंसियों और खुफिया तंत्र के बीच बेहतर समन्वय अत्यंत आवश्यक है। यह ऑपरेशन दिखाता है कि समय रहते खुफिया सूचना पर कार्रवाई करके एक बड़ी त्रासदी को रोका जा सकता है।
फिलहाल, सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं, और दिल्ली तथा अन्य संवेदनशील शहरों में निगरानी बढ़ा दी गई है ताकि इस मॉड्यूल से जुड़े किसी भी अन्य व्यक्ति या साजिश का पता लगाया जा सके। यह भंडाफोड़ भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता और पेशेवर क्षमता का प्रमाण है, जिन्होंने एक जटिल और गुप्त आतंकवादी साजिश को उसके अंजाम तक पहुंचने से पहले ही रोक दिया।