मुंबई, 24 अक्तूबर, 2025: देश के नामी ब्रोकरेज हाउस आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने सितंबर-27 में जियो प्लेटफॉर्म लिमिटेड की इक्विटी वैल्यू को अपग्रेड करके 148 अरब अमेरिकी डॉलर (करीब 13,000 अरब रुपए) कर दिया है। हालिया जारी रिपोर्ट में ब्रोकिंग कंपनी ने उम्मीद जताई है कि वित्त वर्ष 2025 से 2028 के बीच जियो प्लेटफॉर्म का EBITDA/PAT CAGR में वित्तीय प्रदर्शन 18 से 21 प्रतिशत की दर से बढ़ेगा। वित्त वर्ष 2028 तक कंपनी का ‘फ्री कैश फ्लो’ भी बढ़कर 558 अरब रुपए होने की उम्मीद है। इसके साथ ही आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने स्पेक्ट्रम की कीमतों में गिरावट की संभावना भी जताई है। जिसका सीधा फायदा जियो प्लेटफॉर्म को मिलेगा।
पिछले माह एक अन्य ब्रोकरिंग फर्म जे पी मॉर्गन ने जियो प्लेटफॉर्म का इक्विटी वैल्यूएशन 136 अरब डॉलर (करीब 11,936 अरब रुपए) लगाया था। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने पिछले अनुमानों से 12 अरब डॉलर (करीब 1,050 अरब रुपए) अधिक का अनुमान पेश किया है। बताते चलें कि हाल ही में रिलायंस की सालाना आम बैठक में मुकेश अंबानी ने वर्ष 2026 की पहली छमाही में जियो का IPO लाने का ऐलान किया था। ऐसे में जियो की इक्विटी वैल्यू में उछाल, निवेशकों की उत्सुकता को और बढ़ाएगा।
ब्रोकरिंग फर्म ने भारती एयरटेल को भी बाय यानी खरीद की रेटिंग में अपग्रेड किया है। अपने रिवाइज्ड वैल्यूएशन में भारती के लिए टारगेट प्राइस रुपए 1960 से बढ़ाकर रुपए 2,400 कर दिया है। बढ़ती विजिबिलिटी और बेहतर फाइनेंस स्ट्रक्चर को इसकी वजह बताया गया है।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज का मानना है कि जियो प्लेटफॉर्म लिमिटेड नए बिजनेस जैसे कि कंटेंट, स्टोरेज, डिजिटल एंटरप्राइज सॉल्यूशन, MSME के लिए मैनेज्ड सर्विस और रिलायंस इंटेलिजेंस द्वारा संचालित AI डिप्लॉयमेंट को भी आगे बढ़ा रहा है। ये नए एरिया, मीडियम टर्म में और अधिक वैल्यू क्रिएट कर सकते हैं। कंपनी ने अनुमान लगाया है कि वित्त वर्ष 2025 से 2028 के बीच, जियो प्लेटफॉर्म के नॉन-कनेक्टिविटी बिजनेस का ग्रोथ रेट 46.7% रहेगा। ब्रोकरिंग फर्म ने माना है कि जियो प्लेटफॉर्म ने जिस तरह 5जी रोलआउट किया है और 6जी के पेटेंट हासिल किए हैं उसका फायदा भी कंपनी को मिलेगा। बताते चलें कि 5जी मार्किट में जियो का हिस्सा 66 फीसदी से अधिक का है।
रिपोर्ट में आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने भारतीय टेलीकॉम कंपनियों के वैल्यूएशन अपग्रेड के कई कारण गिनाए हैं। इनमें सेक्टर का बेहतर बिज़नेस, शानदार फाइनेंशियल स्ट्रक्चर, बिज़नेस के मोर्चे पर 5G पुश और डाउनग्रेड की कम गुंजाइश शामिल हैं। टेलीकॉम कंपनियां फिक्स्ड ब्रॉडबैंड, वैल्यू-एडेड सर्विसेज़ के साथ-साथ एंटरप्राइज ऑफरिंग, जिसमें डेटा सेंटर, SaaS और मैनेज्ड सर्विसेज़ जैसे प्रोडक्ट्स भी बढ़ा रही हैं।