उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित श्री काशी विश्वनाथ मंदिर देशभर के शिवभक्तों के लिए आस्था का सबसे बड़ा केंद्र है। हर दिन हजारों श्रद्धालु यहां बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए पहुंचते हैं और अपनी-अपनी मनोकामनाओं के साथ भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। भक्तों की सबसे बड़ी इच्छा रहती है कि उन्हें गर्भगृह में जाकर बाबा का स्पर्श दर्शन मिल सके, लेकिन पिछले कई दिनों से यह सुविधा अस्थायी रूप से बंद है। इससे दूर-दूर से आने वाले भक्तों में निराशा का माहौल है।
गर्भगृह में कार्य के चलते स्पर्श दर्शन पर रोक
मिली जानकारी के अनुसार, बीते कुछ दिनों से श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह में मार्बल लगाने का कार्य किया जा रहा है। साथ ही मंदिर के स्वर्ण शिखर की भी सफाई और मेंटेनेंस का काम जारी है। इन दोनों कारणों से मंदिर प्रशासन ने सुरक्षा और व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए स्पर्श दर्शन को अस्थायी रूप से रोक दिया है। सोमवार के दिन मंदिर में सबसे अधिक भीड़ रहती है, क्योंकि इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा होती है। ऐसे में भक्तों को यह जानकारी मिलना कि सोमवार को भी स्पर्श दर्शन नहीं होंगे, उनके लिए काफी कष्टदायक साबित हुआ है। कई श्रद्धालु तो इसी उम्मीद में वाराणसी आते हैं कि कम से कम एक बार बाबा विश्वनाथ का स्पर्श कर सकें।
भक्तों में नाराज़गी और निराशा
क्योंकि आज (सोमवार) को रोजाना से अधिक भीड़ जुटने की संभावना थी, इस वजह से बड़ी संख्या में भक्त निराश लौटते दिखाई दिए। कई श्रद्धालु सुबह से ही लंबी लाइनों में लगकर गर्भगृह तक पहुंचने की प्रतीक्षा कर रहे थे। लेकिन प्रशासन की ओर से जारी निर्देशों में स्पष्ट कहा गया कि स्पर्श दर्शन मंगलवार से पहले संभव नहीं है। हालांकि झांकी दर्शन और नियमित पूजन की व्यवस्था सामान्य रूप से जारी है। भक्त बाहर से ही भगवान की झांकी का दर्शन कर पा रहे हैं, लेकिन स्पर्श दर्शन की कमी उनके लिए खटक रही है।
मंदिर प्रशासन की अपील – सहयोग करें श्रद्धालु
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास की ओर से सभी श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे चल रहे निर्माण और सफाई कार्य को ध्यान में रखते हुए व्यवस्था में सहयोग करें। प्रशासन का कहना है कि मंदिर की दीर्घकालिक सुरक्षा और स्वर्ण शिखर की संरक्षा के लिए ये कार्य जरूरी हैं। जैसे ही काम पूर्ण होगा, स्पर्श दर्शन की सुविधा दोबारा शुरू कर दी जाएगी। न्यास के अधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि संभावना है कि मंगलवार से स्पर्श दर्शन फिर से शुरू हो सकते हैं। परंतु अंतिम निर्णय कार्य की प्रगति और सुरक्षा आकलन के बाद ही लिया जाएगा।
देशभर के भक्तों के लिए स्पर्श दर्शन का विशेष महत्व
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर केवल एक तीर्थस्थल नहीं, बल्कि करोड़ों हिंदुओं की आस्था का केंद्र है। देश के कोने-कोने से आने वाले श्रद्धालु बाबा के स्पर्श दर्शन को अपने जीवन का सबसे बड़ा सौभाग्य मानते हैं। यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है, और इसलिए जब भी किसी कारणवश इस पर रोक लगती है, भक्तों की भावनाएँ आहत होती हैं।