जयपुर न्यूज डेस्क: बाड़मेर में मेडिकल कॉलेज के कथित 9 करोड़ रुपए के टेंडर घोटाले की जांच अब दो स्तरों पर चल रही है। डॉक्टरों और एसडीएम के बीच हुए विवाद के बाद अब प्रशासन ने कार्रवाई तेज कर दी है। सोमवार को एसडीएम यथार्थ शेखर की अध्यक्षता में सात सदस्यीय टीम कॉलेज पहुंची और सीज किए गए कमरों से जरूरी दस्तावेज कब्जे में लिए। वहीं जयपुर से आई एडिशनल सेक्रेटरी चंचल वर्मा और जोधपुर एसएन मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल बी.एस. जोधा की टीम ने भी जांच शुरू कर दी है।
इससे पहले शनिवार को जांच के दौरान डॉक्टरों और एसडीएम के बीच तीखी बहस हो गई थी। विवाद बढ़ने पर डॉक्टर एसोसिएशन ने काली पट्टी बांधकर विरोध जताया। हालांकि रविवार को कलेक्टर टीना डाबी के हस्तक्षेप के बाद दोनों पक्षों में सुलह हो गई। डॉक्टरों का कहना था कि एसडीएम ने माफी मांगी, जबकि एसडीएम ने इसे नकार दिया।
सोमवार को जांच टीम ने प्राचार्य कक्ष, रेकॉर्ड रूम और लेखाधिकारी कार्यालय को खोला और दस्तावेज जब्त किए। इस दौरान मेडिकल कॉलेज के पीएमओ, प्रिंसिपल और अन्य स्टाफ मौजूद रहे। एसडीएम यथार्थ शेखर ने बताया कि पहले दिन गलतफहमी के चलते विवाद हुआ था, लेकिन अब डॉक्टरों का पूरा सहयोग मिल रहा है और जांच सुचारू रूप से चल रही है।
उन्होंने कहा कि प्रारंभिक जांच रिपोर्ट तैयार की जा रही है। डॉक्यूमेंट्स के दूसरे राउंड की जांच भी शुरू हो चुकी है। कलेक्टर की मध्यस्थता के बाद प्रशासन और डॉक्टरों के बीच भरोसा बहाल हुआ है, और उम्मीद है कि एक-दो दिन में जांच पूरी हो जाएगी।