जयपुर न्यूज डेस्क: जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2026 इस बार अपने 19वें संस्करण के साथ एक बेहद बड़े रूप में सामने आ रहा है। हम देख रहे हैं कि 15 से 19 जनवरी तक चलने वाला यह उत्सव दुनिया का सबसे बड़ा साहित्यिक महाकुंभ बनकर उभरने वाला है। यहां 300 से ज्यादा सत्र और 500 से अधिक वक्ता शामिल होंगे, जो साहित्य, इतिहास, राजनीति, विज्ञान, टेक्नोलॉजी, जलवायु परिवर्तन, वैश्विक मामलों, कविता और कला जैसे कई विषयों पर बात करेंगे। इस साल फेस्टिवल के सत्र फ्रंट लॉन, चारबाग, सूर्य महल, दरबार हॉल और बैठक में आयोजित होंगे।
इस बार कई बड़े और चर्चित नाम इस आयोजन को और खास बना रहे हैं। बुकर पुरस्कार विजेता किरण देसाई अपनी किताब “द लोनलीनेस ऑफ सोनिया एंड सनी” पर चर्चा करेंगी, जबकि गोपालकृष्ण गांधी अपनी पुस्तकों “द अन्डाइइंग लाइट” और “इंडिया एंड हर फ्यूचर्स” पर अपने विचार साझा करेंगे। इसी तरह बानू मुश्ताक, देवेश कपूर, अरविंद सुब्रमण्यम, के.आर. मीरा, स्टीफन फ्राय, विश्वनाथन आनंद, रुजुता दिवेकर, वीर दास, रिचर्ड फ्लैनगन, सर टिम बर्नर्स-ली, जिमी वेल्स और लियो वराडकर भी अपने सत्रों में संवाद करेंगे और दर्शकों से जुड़ेंगे।
हम देख रहे हैं कि इस बार दृश्यात्मक कथा–कला, मंगा, ग्राफिक नॉवेल्स, कविता पाठ और जलवायु परिवर्तन जैसे कई अहम विषय भी फेस्टिवल का हिस्सा हैं। ऐलिस ऑसवाल्ड, तमीम अल-बरघूती, लीना खलाफ तुफ्फाहा, उजान दत्ता, अभयर कपूर, मेघा मजूमदार और अन्य वैश्विक आवाज़ें भी अपनी प्रस्तुतियां देंगी। भारतीय साहित्य जगत से सुधा मूर्ति, अमिश, प्रसून जोशी, शोभा डे, अनुराधा रॉय, जीत थायिल, अश्विन सांघी, नवतेज सरना और गुरचरण दास भी इस महोत्सव का हिस्सा बनेंगे और अपने विचार साझा करेंगे।
फेस्टिवल की सह-संस्थापक नमिता गोखले कहती हैं कि यह संस्करण इतिहास, वर्तमान और भविष्य को जोड़ते बहुआयामी संवादों का मंच है, जो AI से लेकर रहस्यमयी कथाओं तक फैला है। वहीं विलियम डैलेरिम्पल इसे अब तक का सबसे महत्वाकांक्षी संस्करण बताते हैं, जहां दुनिया के महान विचारक एक साथ मिलकर नई दुनिया की चर्चा करते हैं। टीमवर्क आर्ट्स के प्रबंध निदेशक संजॉय के. रॉय का कहना है कि 25 से अधिक देशों के वक्ताओं की मौजूदगी दिखाती है कि यह आयोजन एक वैश्विक सांस्कृतिक आंदोलन बन चुका है। कुल मिलाकर, यह पांच दिन दर्शकों को संवाद, कल्पना और नई सोच की अनोखी दुनिया में ले जाने वाले हैं।