जयपुर न्यूज डेस्क: जयपुर में RSS के सरसंघचालक मोहनराव भागवत ने कहा कि संघ का काम किसी को नुकसान पहुँचाना नहीं, बल्कि समाज को जोड़ना और संगठित करना है। उन्होंने कहा कि भारत की असली पहचान उसकी संस्कृति है और “हिंदू” शब्द सबको एक साथ जोड़ने वाला है। भागवत ने यह बात RSS की शताब्दी वर्ष की विशेष बैठक ‘उद्यमी संवाद: नए क्षितिज की ओर’ में कही।
भागवत ने बताया कि संघ समाज के हर व्यक्ति को एक साथ जोड़कर ऐसा माहौल बनाना चाहता है, जिसमें लोग निस्वार्थ भाव से देश के लिए काम करें। उन्होंने कहा कि कृषि, सहकार और उद्योग देश के विकास की रीढ़ हैं। भारत को विश्वगुरु बनाने के लिए सिर्फ किसी एक नेता या संगठन का प्रयास काफी नहीं, बल्कि यह सबका सामूहिक प्रयास होना चाहिए।
संघ प्रमुख ने समाज में समरसता और सहयोग की अहमियत पर जोर दिया। उनका कहना था कि मंदिर, पानी और श्मशान सभी के लिए खुले होने चाहिए और परिवार के सदस्य मिलकर परंपराओं को अपनाएं। साथ ही पर्यावरण की रक्षा, पानी बचाना, पेड़ लगाना और प्लास्टिक हटाने जैसे कार्यों में समाज की भागीदारी जरूरी है।
भागवत ने कहा कि नागरिकों में कर्तव्यबोध और अनुशासन की भावना होनी चाहिए। हर व्यक्ति अपने हिस्से का काम करें, ताकि समाज में कोई बाधा न बने बल्कि सभी एक-दूसरे का सहारा और पूरक बनें।