जयपुर न्यूज डेस्क: जयपुर के मानसरोवर क्षेत्र में वंडरलैंड पार्क के पास खुले में बने बड़े कचरा भंडारण स्थल को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने कड़ा रुख अपनाया है। करीब 15,000 वर्गमीटर क्षेत्र में फैले इस गार्बेज डिपो को लेकर ट्रिब्यूनल ने पर्यावरणीय खतरे को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश जारी किए हैं।
भोपाल स्थित एनजीटी की सेंट्रल जोन बेंच ने प्रमुख शासन सचिव (यूडीएच), जिला कलेक्टर और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव की तीन सदस्यीय समिति गठित की है। यह समिति मौके पर जाकर पूरी स्थिति की तथ्यात्मक रिपोर्ट तैयार करेगी। यह आदेश न्यायिक सदस्य जस्टिस शिव कुमार सिंह और विशेषज्ञ सदस्य सुधीर कुमार चतुर्वेदी की खंडपीठ ने जयपुर निवासी सचिन ढाका व अन्य की याचिका पर दिए हैं।
याचिका में कहा गया कि जयपुर नगर निगम ने मानसरोवर के वंडरलैंड पार्क के पास एक विशाल खुला कचरा केंद्र बना रखा है, जहां आधे शहर का कचरा एकत्र किया जाता है। इसे बाद में ट्रकों से शहर के बाहर स्थित लैंडफिल साइट पर ले जाया जाता है। यह स्थान घनी आबादी, पेयजल टैंकों और द्रव्यवती नदी के पास है, जिससे स्थानीय लोगों में दमा, एलर्जी और सांस की बीमारियां बढ़ रही हैं।
इसके अलावा, आरोप लगाया गया कि कई बार सफाई कर्मी या निजी ठेकेदार यहां कचरे में आग लगा देते हैं, जिससे गंभीर वायु प्रदूषण होता है। याचिका में यह भी कहा गया कि इस जमीन पर अवैध अतिक्रमण हो रहा है और भूमि का उपयोग सार्वजनिक हित के विपरीत किया जा रहा है।