जयपुर न्यूज डेस्क: 30 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ते हुए प्लेन में जब एक 25 साल की एयर होस्टेस की तबीयत अचानक बिगड़ी, तो सभी के बीच अफरा-तफरी मच गई। वो हांफने लगी, लड़खड़ाने लगी और ऐसा लग रहा था मानो उसकी सांसें थम जाएंगी। इसी फ्लाइट में जयपुर के महात्मा गांधी अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टर पुनीत रिझवानी भी मौजूद थे। जैसे ही हालात बिगड़ते देखे, वो तुरंत मदद के लिए आगे आए।
डॉक्टर पुनीत ने बिना किसी मेडिकल उपकरण या दवा के एयर होस्टेस की जान बचाई। उन्हें समझ आ गया था कि उसे सुप्रावेंट्रिकुलर टैकीकार्डिया नामक अटैक आया है, जिसमें दिल की धड़कन अचानक तेज हो जाती है। उन्होंने ‘कैरोटिड साइनस मसाज’ तकनीक का इस्तेमाल किया, जिसमें गर्दन की नाड़ी पर हल्का दबाव देकर धड़कन को नियंत्रित किया जाता है। 10 सेकंड के इस बेहद संवेदनशील और सटीक इलाज के बाद एयर होस्टेस की हालत कुछ ही पलों में सामान्य हो गई।
इस दौरान प्लेन के स्टाफ और बाकी यात्रियों ने डॉक्टर की सूझबूझ और शांत दिमाग की तारीफ की। अगर उस वक्त डॉक्टर पुनीत न होते, तो शायद प्लेन को आपात लैंडिंग करनी पड़ती। लेकिन उनकी समझदारी और अनुभव की वजह से न सिर्फ एक जान बची, बल्कि सैकड़ों यात्रियों को भी राहत की सांस मिली।
डॉक्टर पुनीत रिझवानी, जो जयपुर के महात्मा गांधी अस्पताल में मेडिसिन विभाग के प्रमुख हैं, ने ये साबित कर दिया कि असली डॉक्टर वही है जो किसी भी परिस्थिति में अपना फर्ज निभा सके — चाहे वो अस्पताल का वार्ड हो या 30 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ता प्लेन।