जयपुर न्यूज डेस्क: राजस्थान के सबसे बड़े एसएमएस अस्पताल में एक बार फिर गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है। टोंक जिले की 23 वर्षीय गर्भवती महिला चैना की अस्पताल में गलत ब्लड ग्रुप का खून चढ़ाने से मौत हो गई। उसे हीमोग्लोबिन की भारी कमी और गर्भावस्था से जुड़ी जटिलताओं के चलते 12 मई को भर्ती किया गया था। 19 मई को किए गए ब्लड टेस्ट में उसका ग्रुप A+ बताया गया, लेकिन अगले ही दिन जब खून चढ़ाया गया, तो उसकी तबीयत अचानक बिगड़ गई और जान चली गई।
चैना की मौत के बाद जो रिपोर्ट सामने आई है, उसने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जांच में सामने आया कि ट्यूब में लिया गया ब्लड सैंपल गलत था, जिससे खून की ग्रुपिंग गलत हुई। वहीं, डॉक्टरों ने अपनी ओर से किसी भी तरह की लापरवाही से इनकार किया है। डॉ. स्वाति श्रीवास्तव, जिनकी देखरेख में महिला भर्ती थी, ने कहा कि वे उस समय छुट्टी पर थीं और उनके मुताबिक खून चढ़ाते ही मरीज की हालत बिगड़ गई थी, इसलिए प्रक्रिया तुरंत रोक दी गई।
एसएमएस अस्पताल में फरवरी 2024 के बाद यह तीसरा मामला है, जब मरीज को गलत रक्त चढ़ाया गया है। इससे पहले 12 फरवरी को सड़क हादसे में घायल 23 वर्षीय सचिन शर्मा की सर्जरी के दौरान गलत खून चढ़ाने से मौत हो गई थी। उस मामले में एफआईआर दर्ज हुई, एक नर्सिंग स्टाफ निलंबित हुआ और तीन डॉक्टरों को एपीओ कर दिया गया था।
इसी तरह दिसंबर 2024 में जेके लोन अस्पताल में 10 साल के बच्चे मुस्तफा को दो बार गलत ब्लड ग्रुप का खून चढ़ाया गया था। हालांकि इलाज के बाद उसे छुट्टी दे दी गई, लेकिन चार महीने बाद उसकी भी मौत हो गई। इन लगातार घटनाओं से प्रदेश की प्रमुख सरकारी अस्पतालों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं और मरीजों की सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता बनी हुई है।