मुंबई, 14 नवंबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन) क्वांटम कंप्यूटिंग के क्षेत्र में एक बड़ी छलांग लगाते हुए, टेक दिग्गज आईबीएम (IBM) ने अपना अब तक का सबसे उन्नत क्वांटम प्रोसेसर 'आईबीएम क्वांटम नाइटहॉक' (IBM Quantum Nighthawk) पेश किया है। कंपनी ने अपनी वार्षिक क्वांटम डेवलपर कॉन्फ्रेंस में इस चिप का अनावरण किया, जिसका मुख्य लक्ष्य 2026 के अंत तक 'क्वांटम लाभ' (Quantum Advantage) हासिल करना और 2029 तक दोष-सहिष्णु क्वांटम कंप्यूटिंग (Fault-Tolerant Quantum Computing) प्रदान करना है।
क्वांटम लाभ वह बिंदु है जब एक क्वांटम कंप्यूटर किसी विशिष्ट समस्या को हल करने में मौजूदा सर्वश्रेष्ठ पारंपरिक कंप्यूटरों से बेहतर प्रदर्शन करने लगता है। आईबीएम का मानना है कि नाइटहॉक प्रोसेसर और उच्च-प्रदर्शन वाले क्वांटम सॉफ्टवेयर के संयोजन से इस लक्ष्य को अगले साल तक प्राप्त किया जा सकता है।
नाइटहॉक की मुख्य विशेषताएं
'नाइटहॉक' चिप को एक नई वास्तुकला के साथ डिज़ाइन किया गया है जो इसकी कंप्यूटेशनल क्षमता में महत्वपूर्ण सुधार लाती है:
- 120 क्यूबिट्स (Qubits): यह प्रोसेसर 120 क्यूबिट्स से लैस है। क्यूबिट्स क्वांटम कंप्यूटर की मूलभूत सूचना इकाइयाँ हैं, जो 0 और 1 दोनों अवस्थाओं में एक साथ रह सकती हैं (सुपरपोजिशन)।
- बेहतर कनेक्टिविटी: इसमें 218 नेक्स्ट-जेनरेशन ट्यूनेबल कप्लर्स (Tunable Couplers) हैं, जो पिछले हेरॉन (Heron) प्रोसेसर की तुलना में 20% अधिक कनेक्टिविटी प्रदान करते हैं।
- जटिल सर्किट क्षमता: इस बढ़ी हुई कनेक्टिविटी के कारण, उपयोगकर्ता कम त्रुटि दरों को बनाए रखते हुए 30% अधिक जटिल सर्किट को सटीक रूप से निष्पादित करने में सक्षम होंगे।
- 5,000 टू-क्यूबिट गेट्स: नाइटहॉक आर्किटेक्चर 5,000 तक टू-क्यूबिट गेट्स की मांग वाली समस्याओं का पता लगाने में प्रोग्रामर को सक्षम करेगा, जो क्वांटम गणना के लिए महत्वपूर्ण मूलभूत ऑपरेशन हैं।
आईबीएम को उम्मीद है कि नाइटहॉक के भविष्य के पुनरावृत्तियों से 2026 के अंत तक 7,500 गेट्स और 2028 तक 15,000 टू-क्यूबिट गेट्स तक की क्षमता प्राप्त होगी।
क्वांटम त्रुटि सुधार की ओर बड़ा कदम
आईबीएम ने 'नाइटहॉक' के साथ ही एक प्रायोगिक प्रोसेसर 'आईबीएम क्वांटम लून' (IBM Quantum Loon) की भी घोषणा की है। 'लून' का उद्देश्य दोष-सहिष्णुता (Fault-Tolerance) के लिए प्रमुख घटकों का परीक्षण करना है।
- एरर करेक्शन: क्वांटम कंप्यूटरों में त्रुटियाँ एक बड़ी बाधा हैं। आईबीएम ने दिखाया है कि qLDPC कोड का उपयोग करके क्लासिकल कंप्यूटिंग हार्डवेयर से रियल-टाइम (480 नैनोसेकंड से कम) में त्रुटियों को डीकोड करना संभव है, जो दोष-सहिष्णु क्वांटम कंप्यूटिंग के लिए एक महत्वपूर्ण सफलता है।
- 300mm वेफर फैब्रिकेशन: कंपनी ने यह भी घोषणा की कि वह अपनी क्वांटम चिप्स के लिए 300mm वेफर फैब्रिकेशन सुविधा की ओर बढ़ रही है। यह कदम विकास की गति को दोगुना करने और क्वांटम चिप्स की भौतिक जटिलता को 10 गुना बढ़ाने में मदद करेगा।
ये सभी प्रगति आईबीएम के उस रोडमैप का हिस्सा हैं जो 2029 तक बड़े पैमाने पर, दोष-सहिष्णु क्वांटम कंप्यूटर प्लेटफॉर्म वितरित करने पर केंद्रित है, जिससे फार्मास्यूटिकल्स, सामग्री विज्ञान और अनुकूलन जैसे क्षेत्रों में वास्तविक दुनिया की जटिल समस्याओं को हल किया जा सके।
आप क्वांटम कंप्यूटिंग के परिचय से संबंधित यह वीडियो देख सकते हैं: क्वांटम कंप्यूटिंग का परिचय। यह वीडियो क्वांटम कंप्यूटिंग के मूल सिद्धांतों को समझने में आपकी मदद करेगा, जो आईबीएम के नए 'नाइटहॉक' प्रोसेसर के संदर्भ को समझने के लिए महत्वपूर्ण है।