मुंबई, 6 नवंबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन) ई-कॉमर्स की दिग्गज कंपनी अमेज़न (Amazon) और एआई स्टार्टअप परप्लेक्सिटी (Perplexity AI) के बीच एक बड़ा तकनीकी और कानूनी विवाद शुरू हो गया है। अमेज़न ने परप्लेक्सिटी से अपने एआई-संचालित शॉपिंग असिस्टेंट 'कॉमेट' (Comet) को उसके ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म पर खरीदारी करने से रोकने की मांग की है। अमेज़न ने आरोप लगाया है कि यह एआई एजेंट कंपनी की सेवा शर्तों (Terms of Service) का उल्लंघन कर रहा है, जबकि परप्लेक्सिटी ने इसे "धमकी" (Bullying) और नवाचार (Innovation) को रोकने का प्रयास बताया है।
अमेज़न का मुख्य आरोप: पहचान का अभाव
अमेज़न का मुख्य तर्क यह है कि परप्लेक्सिटी का एआई एजेंट 'कॉमेट' अमेज़न की वेबसाइट पर ब्राउज़ करते या खरीदारी करते समय खुद को एक स्वचालित एजेंट (Automated Agent) के रूप में पहचानने में विफल रहा।
सेवा शर्तों का उल्लंघन: अमेज़न का कहना है कि यह एक गुप्त पहुँच है जो उसके प्लेटफॉर्म के नियमों का उल्लंघन करती है। कंपनी ने पहले भी परप्लेक्सिटी को कई बार चेतावनी दी थी, जिसके बाद 'सीज-एंड-डेसिस्ट' (Cease-and-Desist) नोटिस भेजा गया।
उपयोगकर्ता अनुभव का ह्रास: अमेज़न का दावा है कि कॉमेट एआई एजेंट उसके शॉपिंग अनुभव को खराब करता है। यह व्यक्तिगत अनुशंसाओं (Personalized Recommendations) और अनुकूलित डिलीवरी जैसी प्रमुख सुविधाओं को दरकिनार कर देता है, जिन्हें अमेज़न ने दशकों में विकसित किया है।
अमेज़न ने अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि अन्य थर्ड-पार्टी एआई सेवाएँ, जैसे फ़ूड डिलीवरी या ट्रैवल बुकिंग ऐप्स, जो यूज़र की ओर से काम करती हैं, खुले तौर पर अपनी पहचान बताती हैं और प्लेटफ़ॉर्म के नियमों का सम्मान करती हैं।
परप्लेक्सिटी का पलटवार: विज्ञापन राजस्व की रक्षा
परप्लेक्सिटी ने अमेज़न के आरोपों को खारिज करते हुए इसे नवाचार के खिलाफ बड़ी कंपनियों की "बुलीइंग रणनीति" बताया।
यूज़र की स्वतंत्रता: परप्लेक्सिटी का तर्क है कि यूज़र को अपनी ओर से ऑनलाइन खरीदारी करने के लिए अपना पसंदीदा एआई असिस्टेंट चुनने का पूरा अधिकार होना चाहिए। उनका कहना है कि कॉमेट केवल मानवीय यूज़र के निर्देशों पर ही कार्य करता है, इसलिए उसे वही अनुमतियाँ मिलनी चाहिए जो एक सामान्य व्यक्ति को मिलती हैं।
विज्ञापन राजस्व का डर: परप्लेक्सिटी ने आरोप लगाया कि अमेज़न की असली चिंता अपने विज्ञापन-संचालित व्यापार मॉडल को बचाना है। जब कोई एआई एजेंट सीधे और तेज़ी से सबसे सस्ता या सबसे उपयुक्त उत्पाद खोजता है, तो वह प्रायोजित परिणामों (Sponsored Results), अपसेलिंग और विज्ञापन को बायपास कर देता है, जिससे अमेज़न का राजस्व प्रभावित होता है। परप्लेक्सिटी ने यह भी कहा कि आसान खरीदारी का मतलब अमेज़न के लिए अधिक लेनदेन और खुश ग्राहक होने चाहिए, लेकिन कंपनी विज्ञापनों में अधिक रुचि रखती है।
AI एजेंट्स का भविष्य और कानूनी टकराव
यह विवाद आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) एजेंट्स के बढ़ते इस्तेमाल और प्लेटफ़ॉर्म के नियंत्रण को लेकर एक महत्वपूर्ण लड़ाई है।
एजेंटिक एआई (Agentic AI): कॉमेट जैसे एआई एजेंट्स को उपयोगकर्ता के कहने पर खरीदारी, बुकिंग या अन्य ऑनलाइन कार्य स्वायत्त रूप से (autonomously) करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
precedent का मुद्दा: यह मामला इस बात के लिए एक महत्वपूर्ण मिसाल कायम कर सकता है कि भविष्य में एआई एजेंट्स को वेबसाइटों के साथ कैसे इंटरैक्ट करना होगा—क्या उन्हें स्पष्ट रूप से अपनी पहचान बतानी होगी, या वेबसाइटें उन्हें पूरी तरह से ब्लॉक करने का अधिकार रखेंगी।
अमेज़न ने परप्लेक्सिटी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की धमकी भी दी है। यह टकराव संकेत देता है कि ई-कॉमर्स और उभरते हुए एआई उपकरणों के बीच नियंत्रण और राजस्व को लेकर आने वाले समय में बड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिल सकती है।