जयपुर न्यूज डेस्क: जयपुर, जो रंगीन रत्नों का सबसे बड़ा केंद्र माना जाता है, अब अमेरिकी टैरिफ नीति की मार झेल रहा है। हर साल यहां से लगभग 17,500 करोड़ रुपये के रत्नों का निर्यात होता है, जिसमें से करीब 6-7 हजार करोड़ रुपये का व्यापार सिर्फ अमेरिका के साथ होता है। लेकिन अब अमेरिका की नई नीति के तहत टैरिफ 25% से बढ़कर 50% हो गया है, जिससे जयपुर के व्यापारियों की चिंता और बढ़ गई है।
व्यापारियों का कहना है कि पहले अमेरिका के साथ कम टैरिफ और भारत के सस्ते श्रम का फायदा मिलता था, जिससे मुनाफा हो रहा था। लेकिन अब चीन, थाईलैंड और हांगकांग जैसे देशों से प्रतिस्पर्धा करना मुश्किल होता जा रहा है क्योंकि वहां के निर्यातकों को टैरिफ में छूट मिल रही है। इससे जयपुर के व्यापारी अमेरिकी बाजार में पिछड़ते जा रहे हैं।
राजस्थान जेम्स एंड ज्वैलरी एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष संजय काला का कहना है कि इस कारोबार में पहले से ही मार्जिन सिर्फ 6 से 10 फीसदी का होता है। ऐसे में जब टैरिफ ही 50 फीसदी हो जाए, तो नुकसान उठाना तय है। यदि जल्द ही सरकार की ओर से कोई राहत नहीं मिली, तो मजबूरी में अमेरिका को एक्सपोर्ट बंद करना पड़ सकता है।
इस व्यापार से करीब दो लाख लोगों की रोजी-रोटी जुड़ी हुई है। हर महीने लगभग 600 करोड़ की जेम्स ज्वैलरी अमेरिका भेजी जाती है। यदि यह कारोबार और प्रभावित हुआ तो बेरोजगारी भी तेजी से बढ़ेगी। व्यापारी फिलहाल सरकार से किसी समाधान की उम्मीद लगाए बैठे हैं।