जयपुर न्यूज डेस्क: राजस्थान की रेतीली धरती इस बार पानी-पानी हो गई है। मॉनसून ने इस साल अपने सारे पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। 1 जून से 3 जुलाई तक राज्य में सामान्य से 175% ज्यादा यानी 155.8 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जबकि सामान्य बारिश 66.3 मिमी होती है। इस भारी बारिश ने खासकर पूर्वी राजस्थान को पूरी तरह भिगो दिया है। मौसम विभाग ने 4 से 10 जुलाई के बीच कोटा, जयपुर, अजमेर, भरतपुर और उदयपुर में अति भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। वहीं, बारां, भीलवाड़ा और धौलपुर जैसे जिलों में बाढ़ की स्थिति बन सकती है।
पूर्वी राजस्थान में बीते कुछ दिनों में पानी की ऐसी बौछार पड़ी कि हर ओर पानी ही पानी दिखने लगा। बारां में 252%, भीलवाड़ा में 314%, धौलपुर में 288% ज्यादा बारिश दर्ज की गई है। बीसलपुर बांध का जलस्तर भी तेजी से बढ़ रहा है और 4 जुलाई को ये 313.51 मीटर तक पहुंच गया है। यदि यह स्तर 315.50 मीटर तक पहुंचता है, तो बांध के गेट खोलने की नौबत आ सकती है। इससे टोंक, जयपुर और अजमेर के निचले इलाकों में खतरा बढ़ सकता है।
पश्चिमी राजस्थान में भी हालात बदले हुए हैं। जोधपुर और बीकानेर में मध्यम से तेज बारिश के साथ गरज-चमक का भी अलर्ट है। जालोर और पाली जिलों में पहले ही सामान्य से काफी ज्यादा बारिश हो चुकी है। मौसम विभाग ने 11 से 17 जुलाई तक बारिश की तीव्रता में थोड़ी कमी का अनुमान जताया है, लेकिन उमस बढ़ने की आशंका बनी रहेगी। साथ ही नदियों, बांधों और निचले इलाकों से दूर रहने की सलाह भी दी गई है।
मौसम विभाग ने स्पष्ट किया है कि अभी और सतर्कता की ज़रूरत है। जलभराव, सड़क जाम और मकानों को नुकसान जैसी स्थिति बन सकती है। वाहन चालकों को धीमी गति और सावधानी से वाहन चलाने की चेतावनी दी गई है। कुल मिलाकर इस बार राजस्थान का मॉनसून बेहद सक्रिय और खतरनाक रूप में सामने आया है, जिससे जनजीवन पर गहरा असर पड़ रहा है।