मुंबई, 17 सितम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन) डायबिटीज, जिसे हिंदी में मधुमेह भी कहते हैं, आज के समय में एक आम समस्या बन गई है। टाइप 2 डायबिटीज के इलाज में दवाएं और जीवनशैली में बदलाव दोनों अहम माने जाते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि डॉक्टर तुरंत कीटो डाइट या इंटरमिटेंट फास्टिंग जैसी लोकप्रिय विधियों के बजाय 'मेटफॉर्मिन' (Metformin) दवा क्यों लिखते हैं? विशेषज्ञ मानते हैं कि इसके पीछे कई ठोस कारण हैं, जो सिर्फ़ इलाज की प्रभावशीलता से ही नहीं, बल्कि मरीज़ की सुरक्षा और दीर्घकालिक स्वास्थ्य से भी जुड़े हैं।
क्यों मेटफॉर्मिन है पहली पसंद?
- दशकों का अनुभव: मेटफॉर्मिन एक पुरानी और भरोसेमंद दवा है। दशकों से इसका उपयोग किया जा रहा है और इसके प्रभाव और सुरक्षा को लेकर वैज्ञानिक रूप से पुष्ट प्रमाण मौजूद हैं। यह ब्लड शुगर को नियंत्रित करने और शरीर में इंसुलिन के उपयोग को बेहतर बनाने में प्रभावी साबित हुई है।
- किफायती और सुरक्षित: यह दवा बहुत किफायती है और ज़्यादातर मरीज़ों द्वारा आसानी से सहन कर ली जाती है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह खतरनाक रूप से ब्लड शुगर को कम नहीं करती, जिसे हाइपोग्लाइसीमिया कहते हैं, जो कि कुछ अन्य दवाओं के साथ एक बड़ा जोखिम होता है।
डाइट प्लान में क्या हैं चुनौतियां?
इसके विपरीत, कीटो डाइट या इंटरमिटेंट फास्टिंग जैसे आहार संबंधी बदलाव हर किसी के लिए उपयुक्त नहीं हैं।
- सख़्त अनुशासन: इन डाइट प्लान को बनाए रखने के लिए बहुत सख़्त अनुशासन की ज़रूरत होती है। अगर कोई व्यक्ति इन्हें बीच में छोड़ देता है, तो ब्लड शुगर फिर से बढ़ सकता है।
- जोखिम और दुष्प्रभाव: कुछ मामलों में, जैसे कि किडनी की समस्या वाले मरीज़ों में, ये डाइट सुरक्षित नहीं हो सकती हैं। कीटो डाइट से कोलेस्ट्रॉल का स्तर भी बढ़ सकता है, जो हृदय रोग का जोखिम बढ़ा सकता है।
विशेषज्ञों के मुताबिक, सिर्फ़ जीवनशैली में बदलाव पर निर्भर रहने से आंखों, गुर्दों, हृदय या नसों से जुड़ी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। इसीलिए, डॉक्टर मेटफॉर्मिन को एक "सेफ्टी नेट" मानते हैं। यह मरीज़ को तुरंत स्थिरता प्रदान करता है, जबकि वे अपने जीवनशैली में धीरे-धीरे और स्थायी बदलाव लाते हैं।
निष्कर्ष यह है कि डॉक्टर 'दवा और जीवनशैली' दोनों के तालमेल पर ज़ोर देते हैं। मेटफॉर्मिन स्थिरता देती है और जीवनशैली में बदलाव से दीर्घकालिक नियंत्रण मिलता है।