साल 2025 का आखिरी महीना दिसंबर शुरू हो गया है। आज दिसंबर के पहले दिन दो मुख्य त्योहार हैं। आज गीता जयंती और मोक्षदा एकादशी है। व्रत के साथ-साथ भगवान विष्णु और भगवान कृष्ण की पूजा भी शुभ रहेगी। धार्मिक मान्यता के अनुसार, मोक्षदा एकादशी पर जो लोग सच्चे मन से पूजा करते हैं, उन्हें पापों से मुक्ति मिलती है और उनके जीवन में खुशियां आती हैं। आइए अब सोमवार, 1 दिसंबर, 2025 के कैलेंडर के बारे में जानते हैं।
पंचांग- 01.12.2025
युगाब्द - 5126
संवत्सर - सिद्धार्थ
विक्रम संवत् -2082
शाक:- 1947
ऋतु __ हेमन्त
सूर्य __ दक्षिणायन
मास __ मार्गशीर्ष
पक्ष __ शुक्ल पक्ष
वार __ सोमवार
तिथि - एकादशी 19:00:34
नक्षत्र रेवती 23:17:27
योग व्यतिपात 24:57:58
करण वणिज 08:19:34
करण विष्टि भद्र 19:00:34
करण बव 29:32:33
चन्द्र राशि - मीन till 23:17
चन्द्र राशि - मेष from 23:17
सूर्य राशि - वृश्चिक
🚩🌺 आज विशेष 🌺🚩
👉🏻 मोक्षदा एकादशी / गीता जयंती/ व्यतिपात पुण्यम्
🍁 अग्रिम पर्वोत्सव 🍁
👉🏻 व्यंजन द्वादशी / प्रदोष व्रत
02/12/25 (मंगलवार)
👉🏻 सत्य पूर्णिमा व्रत
04/12/25 (गुरुवार)
👉🏻 चतुर्थी व्रत
07/12/25 (रविवार)
👉🏻 सफला एकादशी व्रत
15/12/25 (सोमवार)
👉🏻 प्रदोष व्रत
17/12/25 (बुधवार)
👉🏻 देवपितृकार्य अमावस
19/12/25 (शुक्रवार)
-------- -------- -------- -------- ----
👉🏻 मल मास
15/12/25 से 14/01/26 पर्यन्त
🕉️🚩 यतो धर्मस्ततो जयः🚩🕉
📿 मोक्षदा एकादशी पर करें मोरपंख और गीता से जुड़े उपाय, खुलेंगे मोक्ष के द्वार -
● मोक्षदा एकादशी मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष में पड़ती है, जो इस बार 01 दिसंबर को मनाई जाएगी, जैसा कि नाम से स्पष्ट है, 'मोक्षदा' का अर्थ है मोक्ष प्रदान करने वाली, इस दिन सच्चे मन से भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करने से व्यक्ति को जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्ति मिल जाती है, वहीं, इस दिन अगर कुछ उपाय किए जाए, तो व्यक्ति को सुख-शांति की प्राप्ति होती है।
● मोक्षदा एकादशी और गीता जयंती पर श्रीमद्भगवद्गीता का संपूर्ण पाठ करना चाहिए, अगर ऐसा करना मुश्किल है, तो कम से कम11वें अध्याय का पाठ जरूर करें, इस पवित्र दिन पर किसी मंदिर या ब्राह्मण को भोजन जरूर कराएं और श्रीमद्भगवद्गीता का दान करें, यह उपाय व्यक्ति को ज्ञान और मोक्ष की ओर ले जाता है, भगवान कृष्ण को तुलसी दल मिश्रित मिश्री का भोग लगाएं और भोग लगाते समय गीता के उपदेश का ध्यान मन ही मन करें, या फिर गीता के किसी एक श्लोक का जप करें।
● मोरपंख के चमत्कारी उपाय -
पूजा घर में भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति के साथ मोरपंख स्थापित करें, एकादशी के दिन इसे शुद्ध जल से धोकर धूप-दीप दिखाएं, अगर आप आर्थिक तंगी से परेशान हैं, तो पूजा के बाद उस मोरपंख को उठाकर तिजोरी या धन स्थान पर रख दें, इससे मां लक्ष्मी खुश होती हैं और धन आगमन के द्वार खुलते हैं, घर के मुख्य द्वार पर मोरपंख लगाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सुख-समृद्धि बनी रहती है।
● पूजा विधि और पारण - मोक्षदा एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और पीले रंग के कपड़े पहनें, भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की पूजा करें, पूजा में पीले फूल, फल, धूप, दीप और तुलसी पत्र जरूर शामिल करें, कठिन व्रत का पालन करें या फिर केवल फलाहार करें, अगले दिन द्वादशी तिथि पर ब्राह्मणों को भोजन कराकर और दान देकर व्रत का पारण करें, ऐसा करने से व्रत के पूर्ण फलों की प्राप्ति होती है।
● गीता जयंती का पर्व मार्गशीर्ष मास की कृष्ण पक्ष की मोक्षदा एकादशी को मनाया जाता है, इसी दिन भगवान कृष्ण ने अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था, गीता सिखाती है कि आसक्ति त्यागें, धर्म का पालन करें और परिणामों में स्थिर रहकर आंतरिक शांति पाएं।
जय जय श्री सीताराम 👏
जय जय श्री ठाकुर जी की👏
(जानकारी अच्छी लगे तो अपने इष्ट मित्रों को जन हितार्थ अवश्य प्रेषित करें।)
ज्यो.पं.पवन भारद्वाज(मिश्रा) व्याकरणज्योतिषाचार्य
राज पंडित-श्री राधा गोपाल मंदिर (जयपुर)