नई दिल्ली: हिन्दू पंचांग के अनुसार, 02 दिसंबर 2025 का दिन धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह दिन मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि और मंगलवार का संयोग लेकर आया है, जिसके कारण आज भौम प्रदोष व्रत मनाया जा रहा है। भगवान शिव और मंगल ग्रह की कृपा पाने के लिए यह दिन विशेष रूप से शुभ माना गया है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, आज का पंचांग न केवल शुभ-अशुभ समय की जानकारी देता है, बल्कि दिनभर के व्रतों और विशिष्ट योगों का भी संकेत देता है।
पंचांग का मूल स्वरूप (02 दिसंबर 2025)
आज विक्रम संवत 2082 और शक संवत 1947 का मार्गशीर्ष महीना है। हेमंत ऋतु का यह समय धार्मिक कार्यों के लिए विशेष फलदायी माना जाता है।
| विवरण |
समय/स्थिति |
| तिथि |
द्वादशी (अपराह्न 03:57 बजे तक), उपरांत त्रयोदशी |
| वार |
मंगलवार |
| पक्ष |
शुक्ल पक्ष |
| मास |
मार्गशीर्ष (अगहन) |
| नक्षत्र |
अश्विनी (रात्रि 08:51 बजे तक), उपरांत भरणी |
| योग |
वरीयान (रात्रि 09:08 बजे तक), उपरांत परिघ |
| करण |
बालव (अपराह्न 03:57 बजे तक), उपरांत कौलव |
| व्रत/त्योहार |
भौम प्रदोष व्रत (शिव और हनुमान जी की पूजा का विधान) |
सूर्य और चंद्रमा की स्थिति
पंचांग के अनुसार, आज सूर्य और चंद्रमा की स्थिति भी शुभ-अशुभ समय को प्रभावित करती है। चंद्रमा का गोचर मेष राशि में हो रहा है, जो नई शुरुआत और साहस को बढ़ावा देने वाला माना जाता है।
| विवरण |
समय |
| सूर्योदय |
प्रातः 06:57 बजे (लगभग) |
| सूर्यास्त |
सायं 05:24 बजे (लगभग) |
| चंद्रोदय |
दोपहर 03:14 बजे (लगभग) |
| चंद्रमा की राशि |
मेष |
| दिशाशूल |
उत्तर दिशा (विशेष कारणों से यात्रा से बचें) |
आज का विशेष महत्व: भौम प्रदोष व्रत
आज मंगलवार होने के कारण यह भौम प्रदोष व्रत है। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार:
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भगवान शिव की कृपा: प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है। प्रदोष काल (सूर्यास्त से डेढ़ घंटा पहले और बाद का समय) में शिव पूजा करने से सभी प्रकार के दोष, विशेषकर रोगों से मुक्ति मिलती है।
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मंगल देव का आशीर्वाद: भौम प्रदोष का संबंध मंगल ग्रह से है। इस दिन व्रत और पूजा करने से मांगलिक दोष दूर होता है और विवाह संबंधी अड़चनें समाप्त होती हैं।
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हनुमान जी की पूजा: मंगलवार होने के कारण इस दिन हनुमान जी की आराधना भी अत्यंत शुभ मानी जाती है। इससे शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है और कर्ज मुक्ति का मार्ग खुलता है।
शुभ और अशुभ मुहूर्त
ज्योतिषीय कार्यों या किसी भी नए कार्य को शुरू करने से पहले शुभ और अशुभ मुहूर्त का ध्यान रखना अनिवार्य है, ताकि कार्यों में सफलता सुनिश्चित हो सके।
शुभ मुहूर्त (शुभ कार्यों के लिए उपयुक्त समय)
| मुहूर्त |
समय |
| ब्रह्म मुहूर्त |
सुबह 05:20 बजे से 06:08 बजे तक |
| अभिजीत मुहूर्त |
सुबह 11:54 बजे से दोपहर 12:37 बजे तक |
| गोधूलि बेला (प्रदोष काल) |
सायं 05:21 बजे से 05:48 बजे तक |
अशुभ मुहूर्त (इन समय में शुभ कार्य टालें)
| मुहूर्त |
समय |
| राहुकाल |
दोपहर 03:00 बजे से 04:30 बजे तक (यह समय स्थान के अनुसार थोड़ा भिन्न हो सकता है) |
| यम गण्ड |
सुबह 09:36 बजे से 10:56 बजे तक |
| गुलिक काल |
दोपहर 12:16 बजे से 01:36 बजे तक |
ज्योतिषाचार्यों का परामर्श है कि आज के दिन शिव चालीसा का पाठ कम से कम दो बार करना और हनुमान जी को गुड़ व चना अर्पित करना विशेष फलदायी रहेगा।