जयपुर , 03 दिसंबर 2025। राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ ने चार धाम तीर्थयात्रा के दौरान हेलीकॉप्टर सेवाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के मुद्दे को सदन में प्रमुखता से उठाया। राठौड़ के सवाल के जवाब में नागर विमानन मंत्रीमुरलीधर मोहोल ने बताया कि हेलीकॉप्टर संचालन को अधिक सुरक्षित बनाने के लिए कई अतिरिक्त उपाय किए गए हैं। सहस्त्रधारा (देहरादून) और सीतापुर (केदारनाथ) हेलीपैड पर विशेष नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं। इन कक्षों में यूसीएडीए के प्रभारी अधिकारी, एटीसी अधिकारी और आईएमडी अधिकारी वास्तविक समय के मौसम डेटा और यातायात स्थितियों के आधार पर गो/नो-गो निर्णय लेने के लिए जिम्मेदार हैं। यह व्यवस्था तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने में अत्यंत महत्वपूर्ण साबित हुई है।
सांसद मदन राठौड़ ने हेलीपैड निरीक्षण और प्रचालकों के ऑडिट पर भी स्पष्ट जानकारी मांगी। इसके जवाब में मंत्री ने बताया कि केदारनाथ के लिए परिचालन आरंभ करने से पहले डीजीसीए ने 7 हेलीपैडों और 6 हेलीकॉप्टर प्रचालकों का निरीक्षण/ऑडिट किया। इसके अतिरिक्त चार धाम हेतु परिचालन की अनुमति प्रदान करने से पूर्व 12 प्रचालकों और 10 हेलीपैडों की विस्तृत जाँच की गई। चार धाम और केदारनाथ मार्गों पर अतिरिक्त मौसम कैमरों की स्थापना की गई है, जिससे प्रतिकूल परिस्थितियों की त्वरित पहचान संभव हो सकी। उन्होंने बताया कि मानसून-पश्चात चरण में सभी उड़ानें सुरक्षित और सुव्यवस्थित रूप से संचालित की गईं और डीजीसीए के उपायों ने विश्वसनीयता को और मजबूत किया है।
सांसद मदन राठौड़ ने बताया कि डीजीसीए अब सुरक्षा मानकों को सभी तीर्थ और पर्यटन हेलीकॉप्टर परिचालनों में लागू करने की दिशा में काम कर रहा है। इसके लिए 2023 के परिचालन परिपत्र में संशोधन किया गया है, जिससे अब यह सुरक्षा ढांचा राष्ट्रव्यापी स्तर पर प्रभावी हो गया है। राठौड़ ने कहा कि तीर्थयात्रा भारत की सांस्कृतिक धरोहर और भावनाओं से जुड़ी है, इसलिए इससे संबंधित सभी सेवाओं में सुरक्षा, पारदर्शिता और दक्षता सर्वोपरि रहेगी । उन्होंने मंत्रालय द्वारा अपनाए गए उपायों पर संतोष व्यक्त किया और आग्रह किया कि भविष्य में भी इसी गंभीरता से यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए।