जयपुर, 4 दिसंबर 2025। राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ ने सदन में देश की ऊर्जा सुरक्षा, किसानों की आय वृद्धि और पर्यावरण संरक्षण से जुड़े महत्वपूर्ण विषय पर सवाल लगाया। राठौड़ ने बताया कि इथेनॉल नीति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शी सोच का परिणाम है, जिसने भारत को ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में अप्रत्याशित गति से आगे बढ़ाया है। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के राज्य मंत्री सुरेश गोपी ने सदन में बताया कि इथेनॉल मिश्रण कार्यक्रम ने ऐतिहासिक उपलब्धियाँ दर्ज की हैं। वर्ष 2013-14 के केवल 38 करोड़ लीटर की तुलना में वर्ष 2024-25 में इथेनॉल मिश्रण क्षमता बढ़कर 1000 करोड़ लीटर से अधिक हो चुकी है। अक्टूबर 2025 तक 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य भी प्राप्त कर लिया गया है, जो आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक मील का पत्थर है।
राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ ने कहा कि यह केवल उत्पादन वृद्धि नहीं है, बल्कि सरकार ने फीडस्टॉक विस्तार, जीएसटी में 5 प्रतिशत कमी और चीनी मिलों व डिस्टिलरियों के आधुनिकीकरण जैसे निर्णायक कदम उठाकर इथेनॉल उपलब्धता सुनिश्चित की है। सरकार द्वारा 233 दीर्घकालिक ऑफटेक समझौते तथा सहकारी चीनी मिलों के लिए विशेष वित्त सहायता से देश की डिस्टिलेशन क्षमता बढ़कर 1950 करोड़ लीटर हो गई है। इसके साथ ही भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के माध्यम से 52 लाख मीट्रिक टन अधिशेष चावल और चीनी का डायवर्जन किया गया, जिससे किसानों को स्थायी बाजार मिला और उनकी आय में उल्लेखनीय वृद्धि हुई।
सांसद मदन राठौड ने कहा कि नीति आयोग के अध्ययन के अनुसार गन्ना आधारित इथेनॉल से 65 प्रतिशत और मक्का आधारित इथेनॉल से 50 प्रतिशत तक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी आती है। यह शहरों की वायु गुणवत्ता सुधारने में बड़ा परिवर्तन साबित हो रहा है। सरकार द्वारा कराए गए परीक्षणों ने यह भी सिद्ध किया कि ई—20 ईंधन से वाहनों के इंजन प्रदर्शन पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता, बल्कि अधिक ऑक्टेन के कारण पिकअप और ड्राइविंग स्मूथनेस बढ़ती है। राठौड़ ने बताया कि वर्ष 2014-15 से अक्टूबर 2025 तक किसानों को 1,36,300 करोड़ का प्रत्यक्ष भुगतान किया गया है। साथ ही देश ने 1,55,000 करोड़ से अधिक विदेशी मुद्रा की बचत, 790 लाख एमटी सीओ2 उत्सर्जन में कमी और 260 लाख एमटी कच्चे तेल के आयात का प्रतिस्थापन हासिल किया है।
राठौड़ ने कहा यह संपूर्ण कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस संकल्प को मजबूत करता है जिसमें भारत को पर्यावरण-अनुकूल, ऊर्जा-आत्मनिर्भर और किसान-केंद्रित अर्थव्यवस्था के रूप में रूपांतरित करने की प्रतिबद्धता शामिल है। इथेनॉल मिश्रण अभियान न केवल भारत की ऊर्जा सुरक्षा को नई शक्ति दे रहा है, बल्कि किसानों की समृद्धि और पर्यावरण संरक्षण के लिए भी अभूतपूर्व योगदान कर रहा है।