कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के भारतीय जनता पार्टी के विधायक सांसदों के प्रशिक्षण पर जो वक्तव्य है निश्चित रूप से उनकी कुंठा को प्रेरित कर रहा है। उनको पता है कि उनके यहां संगठन नाम की चीज नहीं कोई विचार नहीं।
भारतीय जनता पार्टी के जनप्रतिनिधियों का प्रशिक्षण इस बात का है कि वहां निश्चित रूप से पार्टी की रीति-नीति कैसी है, कार्यक्रम कैसे है, जनता के साथ हमारी किस प्रकार की अकाउंटेबिलिटी है, उनके साथ संवाद कैसे रखें, अधिक से अधिक जनहित के कामों को नीचे तक जमीन तक पहुंचने काम कैसे करें, सरकार में जो बैठे हैं हमारे लोग, वो जनता को अपने दायित्वों का निर्वहन करने के लिए कैसे काम करें। इन सबका प्रशिक्षण देकर के आने वाले समय में राजस्थान की सरकार जो लगता पिछले सवा साल से जनता के हित में काम कर रही है उनको और तेजी से जमीन पर उतार सके इसका प्रशिक्षण है।
ये जानते हुए भी शायद ये भूल जाते हैं, ये वही गुजरात है जो गुजरात कभी सरकार के गवर्नेंस के लिहाज से सारे देश को मॉडल स्टेट रहा है। इसने अपनी गवर्नेंस तो की, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के मुख्यमंत्री के कालखंड के दौरान।
आज यह प्रशिक्षण की पद्धति भारतीय जनता पार्टी में केवल राजस्थान नही, ये देश के प्रशिक्षण का कार्यक्रम है, जिसके तहत जनप्रतिनिधियों का प्रशिक्षण हो रहा है। वो कभी राजस्थान में भी हो सकता है, राजस्थान के बाहर का भी। और बाहर के प्रान्तों के लोग भी राजस्थान में आकर प्रशिक्षण ले सकते हैं। ये सरकार की रीति के नहीं, पार्टी के कार्यक्रमों का प्रशिक्षण है। इसको उनको समझना चाहिए।