सीरिया में पिछले कुछ दिनों से स्थिति बेहद तनावपूर्ण बनी हुई है। हिंसा की ताजा लहर तब शुरू हुई जब शुक्रवार को होम्स शहर की एक अलवी मस्जिद में नमाज के दौरान एक भयानक बम धमाका हुआ। इस हमले में 8 लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना के विरोध में रविवार को हजारों की संख्या में अलवी समुदाय के लोग सड़कों पर उतर आए, जिसके बाद कई शहरों में खूनी संघर्ष देखने को मिला।
मस्जिद हमले से भड़का आक्रोश
अधिकारियों के अनुसार, शुक्रवार को होम्स की मस्जिद में विस्फोटक उपकरण छिपाकर रखे गए थे। इस हमले की जिम्मेदारी 'सराया अंसार अल-सुन्ना' नामक एक कम चर्चित कट्टरपंथी समूह ने ली है। समूह ने टेलीग्राम पर जारी बयान में स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य विशेष रूप से अलवी संप्रदाय के सदस्यों को निशाना बनाना था। शनिवार को जब मृतकों का अंतिम संस्कार किया गया, तो पूरे क्षेत्र में मातम के साथ-साथ गुस्से का माहौल था।
रविवार का प्रदर्शन और झड़पें
विदेशी धरती से सक्रिय अलवी शेख गजल गजल, जो 'सुप्रीम अलवाइट इस्लामिक काउंसिल' के प्रमुख हैं, ने इस हिंसा के खिलाफ बड़े प्रदर्शन का आह्वान किया था। रविवार को लजीकिया, तरतूस और होम्स जैसे शहरों में हजारों प्रदर्शनकारी इकट्ठा हुए।
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लजीकिया में पत्थरबाजी: एपी (AP) के अनुसार, लजीकिया में स्थिति तब बिगड़ गई जब सरकार समर्थक प्रतिपक्षी गुटों ने अलवी प्रदर्शनकारियों पर पत्थर फेंकने शुरू कर दिए। सुरक्षा बलों ने दोनों पक्षों को अलग करने के लिए हवा में गोलियां चलाईं।
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सरकारी संपत्तियों पर हमला: प्रदर्शनकारियों का गुस्सा सुरक्षा बलों की गाड़ियों पर भी निकला, जिन्हें कई जगहों पर आग के हवाले कर दिया गया।
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तरतूस में ग्रेनेड हमला: सीरियाई सरकारी टेलीविजन के अनुसार, तरतूस क्षेत्र में एक थाने पर हथगोला फेंका गया, जिसमें सुरक्षा बलों के दो सदस्य गंभीर रूप से घायल हो गए।
मृतकों और घायलों का आंकड़ा
स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों और सरकारी समाचार एजेंसी 'सना' ने पुष्टि की है कि रविवार की हिंसा में सुरक्षा बल के एक सदस्य सहित कुल तीन लोगों की मौत हुई है। इसके अलावा, लगभग 60 लोग घायल हुए हैं, जिन्हें नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
अलवी समुदाय की चिंताएं
सीरिया में अलवी समुदाय एक प्रभावशाली अल्पसंख्यक समूह है, जिससे राष्ट्रपति बशर अल-असद भी ताल्लुक रखते हैं। हालिया हमलों ने इस समुदाय के भीतर असुरक्षा की भावना को बढ़ा दिया है। कट्टरपंथी सुन्नी समूहों द्वारा उन्हें निशाना बनाया जाना यह दर्शाता है कि सीरिया में गृहयुद्ध के घाव अभी भरे नहीं हैं और सांप्रदायिक दरारें अभी भी गहरी हैं।
निष्कर्ष
सीरिया में होम्स और तटीय प्रांतों में बढ़ती यह हिंसा अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए चिंता का विषय है। मस्जिद पर बम हमले के बाद शुरू हुई यह अशांति यदि जल्द नहीं थमी, तो यह पूरे क्षेत्र को एक नई सांप्रदायिक जंग की ओर धकेल सकती है। फिलहाल, सुरक्षा बल संवेदनशील इलाकों में तैनात हैं, लेकिन तनाव बरकरार है।