जयपुर न्यूज डेस्क: राजस्थान के अलवर जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। सीआईडी इंटेलिजेंस ने गोविंदगढ़ निवासी मंगत सिंह को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। जांच में सामने आया कि मंगत पिछले दो वर्षों से पाकिस्तानी एजेंट्स के संपर्क में था और “ईशा शर्मा” नाम की महिला एजेंट के हनीट्रैप में फंस गया था। पैसों और भावनात्मक जाल में फंसकर उसने अलवर छावनी से जुड़ी कई गोपनीय जानकारी साझा की। उसके मोबाइल से कई संवेदनशील दस्तावेज और तस्वीरें मिली हैं।
खुफिया अधिकारियों ने बताया कि मंगत सिंह ने सेना के ठिकानों की लोकेशन, वाहनों की आवाजाही और सामरिक स्थलों के विवरण पाकिस्तान भेजे थे। उसके मोबाइल की तकनीकी जांच से इस जासूसी नेटवर्क के कई सबूत हाथ लगे हैं। राजस्थान इंटेलिजेंस ने इस मामले को गंभीर मानते हुए सीमावर्ती और सामरिक इलाकों में निगरानी बढ़ा दी है ताकि किसी और संदिग्ध की पहचान की जा सके।
जयपुर की विशेष अदालत में आरोपी को पेश किया गया, जहां कड़ी सुरक्षा के बीच सुनवाई हुई। पुलिस ने कोर्ट से उसकी तीन दिन की रिमांड मांगी ताकि पूछताछ में उसके सहयोगियों के नाम सामने आ सकें। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत मंगत से लगातार पूछताछ जारी है और आईबी व रॉ की टीमें भी इस जांच में सहयोग कर रही हैं। अब जांच एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि क्या उसने देश के अन्य रणनीतिक ठिकानों की भी जानकारी लीक की है।
यह मामला एक बार फिर साबित करता है कि पाकिस्तान की एजेंसियां हनीट्रैप जैसी चालों के जरिए भारतीय नागरिकों को फंसाने की कोशिश कर रही हैं। सोशल मीडिया पर असावधानी भी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन सकती है। मंगत सिंह की गिरफ्तारी ने आईएसआई के एक और नेटवर्क का पर्दाफाश किया है, और उम्मीद है कि रिमांड अवधि के दौरान कई अहम खुलासे होंगे।