जयपुर न्यूज डेस्क: इस साल करवा चौथ का पर्व 10 अक्तूबर को बड़े धूमधाम से मनाया जाएगा। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुखमय दांपत्य जीवन की कामना के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। सूर्योदय से चंद्रोदय तक अन्न और जल ग्रहण न करके श्रद्धा और भक्ति के साथ यह व्रत निभाया जाता है।
शाम होते ही महिलाएं सोलह श्रृंगार से सज-धज कर करवा माता की पूजा करती हैं। पूजा के दौरान सभी महिलाएं मिलकर करवा चौथ की कथा सुनती हैं और एक-दूसरे को आशीर्वाद देती हैं। जैसे ही चंद्रमा उदय होता है, महिलाएं छलनी से चंद्रमा का दर्शन करती हैं और चंद्रदेव को अर्घ्य अर्पित कर पति के हाथों से पानी ग्रहण करके व्रत का समापन करती हैं। यह परंपरा पति-पत्नी के प्रेम और समर्पण का प्रतीक मानी जाती है।
चंद्रोदय का समय: वैदिक पंचांग के अनुसार, 10 अक्तूबर को चंद्रमा रात 8 बजकर 13 मिनट पर उदित होगा। अन्य शहरों में समय में मामूली अंतर हो सकता है। करवा चौथ की तिथि कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी पर पड़ती है। इस साल यह तिथि 9 अक्टूबर की रात 10:54 बजे से शुरू होकर 10 अक्टूबर की शाम 7:38 बजे तक रहेगी।
शुभ मुहूर्त पूजा के लिए शाम 5:57 बजे से लेकर 7:07 बजे तक रहेगा, यानी पूजा की कुल अवधि लगभग 1 घंटा 14 मिनट होगी।
राजस्थान के प्रमुख शहरों में चंद्रमा दर्शन का समय:
जयपुर: रात 8:19 बजे
सालासर धाम: रात 8:28 बजे 45 सेकंड
उदयपुर: रात 8:40 बजे 36 सेकंड
सीकर: रात 8:26 बजे 1 सेकंड
जोधपुर: रात 8:38 बजे
अलवर: रात 8:19 बजे
जैसलमेर: रात 8:25 बजे
इस बार करवा चौथ व्रत के जरिए सुहागिन महिलाएं अपने घर और दांपत्य जीवन में सुख-समृद्धि की कामना करेंगी।