जयपुर न्यूज डेस्क: जयपुर की डिजाइन टू ऑक्युपेंसी सर्विसेज (डी2ओ) को ग्लोबल नेटवर्क फॉर जीरो (GNFZ) की ओर से नेट-जीरो डिजाइन सर्टिफिकेट मिला है। यह सम्मान डी2ओ के जयपुर मुख्यालय को उनकी ऊर्जा-बचत और पर्यावरण-अनुकूल वास्तुकला के लिए दिया गया है। सर्टिफिकेट के अनुसार, इस इमारत में ऊर्जा, पानी और अन्य संसाधनों की खपत न्यूनतम स्तर पर रखी गई है, जिससे बिजली की खपत कम और प्रदूषण में भी कमी आई है।
इस भवन के निर्माण में खेती से बचे अवशेष, प्राकृतिक रंग और निर्माण के अपने मलबे का पुनः उपयोग किया गया है। इस तरह के प्रयोग से न केवल पर्यावरण की रक्षा होती है बल्कि भवन का संचालन भी अधिक सस्टेनेबल बनता है। डी2ओ के इस प्रोजेक्ट से यह स्पष्ट होता है कि आधुनिक इमारतें कम संसाधन में अधिक स्थायित्व और आराम प्रदान कर सकती हैं।
सर्टिफिकेट वितरण समारोह में जयपुर नगर निगम ग्रेटर की महापौर डॉ. सौम्या गुर्जर और राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य-सचिव विजय एन. मुख्य अतिथि रहे। डॉ. गुर्जर ने कहा कि इस तरह की इमारतें जयपुर को स्वच्छ और हरित शहर बनाने में मदद करेंगी। वहीं, विजय एन. ने बताया कि कंपनियां अगर अपनी जिम्मेदारी समझें तो ऊर्जा, पानी और पर्यावरण की सुरक्षा के क्षेत्र में बड़े बदलाव ला सकती हैं।
ग्लोबल नेटवर्क फॉर जीरो के चेयरमैन महेश रामानुजम ने डी2ओ के प्रोजेक्ट को उदाहरण बताते हुए कहा कि राजस्थान अब ग्रीन बिल्डिंग के क्षेत्र में अग्रणी बन रहा है। डी2ओ के सह-संस्थापक अशु गुप्ता ने कहा कि यह सर्टिफिकेट उनके उस वादे को सिद्ध करता है कि सस्टेनेबिलिटी केवल बातों में नहीं बल्कि असली काम में दिखाई देनी चाहिए। उनका मुख्यालय इस बात का प्रत्यक्ष उदाहरण है कि ऑफिस भी ऊर्जा-बचत करने वाले और आरामदायक हो सकते हैं।