जयपुर न्यूज डेस्क: भारत में रेल यातायात देश को जोड़ने वाला सबसे बड़ा और भरोसेमंद माध्यम है। अनुमान के अनुसार रोजाना लगभग 2 करोड़ यात्री ट्रेनों से सफर करते हैं। त्योहारों के समय यह संख्या और भी बढ़ जाती है। पिछले साल 4 नवंबर को रेलवे ने नया रिकॉर्ड बनाया, जब अकेले एक दिन में 3 करोड़ से अधिक यात्री रेलमार्ग पर सफर कर रहे थे। इनमें करीब 19 लाख यात्री लंबी दूरी की यात्रा के लिए रिज़र्व टिकट के साथ ट्रेनों में सवार थे। हालांकि लंबे सफर के दौरान यात्रियों को रेलवे की कुछ सुविधाओं, खासकर कंबलों की सफाई और हाइजीन को लेकर अक्सर चिंता बनी रहती थी।
इस समस्या को दूर करने के लिए रेलवे ने कंबलों पर कवर लगाने का नया कदम उठाया है। यह पहल पायलट प्रोजेक्ट के रूप में राजस्थान की राजधानी जयपुर से शुरू की गई। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 16 अक्टूबर को जयपुर के खातीपुरा रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को प्रिंटेड लिनेन कंबल कवर वितरित किए। उन्होंने कहा कि यह कदम यात्रियों के सफर को अधिक सुरक्षित और आरामदायक बनाने के लिए उठाया गया है। यदि यह व्यवस्था सफल रही, तो इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा।
रेल मंत्री ने बताया कि रेलवे केवल कंबल पर ही नहीं, बल्कि छोटे और मध्यम दर्जे के स्टेशनों पर भी सुविधाएं बढ़ाने के प्रयास कर रहा है। इसमें प्लेटफॉर्म की ऊंचाई और लंबाई बढ़ाना, कोच और ट्रेन की जानकारी के लिए साइनबोर्ड लगाना जैसी सुविधाएं शामिल हैं। इस पहल से छोटे स्टेशनों पर यात्रियों को बेहतर अनुभव मिलेगा और उनकी समस्याओं का समाधान होगा।
इस दिशा में राजस्थान के 65 छोटे और बहुत छोटे रेलवे स्टेशनों में सुधार की शुरुआत हो चुकी है। इन स्टेशनों में जयपुर, जोधपुर, बीकानेर और अजमेर मंडल शामिल हैं। अश्विनी वैष्णव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से रेलवे ने छोटे स्टेशनों पर भी यात्रियों की सुविधा को प्राथमिकता दी है। इस तरह की पहल से न केवल सफर में आराम बढ़ेगा, बल्कि यात्रियों का भरोसा भी मजबूत होगा।