Aaj ka Panchang 18 November 2025: आज, यानी 18 नवंबर 2025, मंगलवार को सनातन धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण माने जाने वाले मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जा रहा है। मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि भगवान शिव को समर्पित होती है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन सच्चे मन से पूजा और व्रत करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
पंचांग- 18.11.2025
युगाब्द - 5126
संवत्सर - सिद्धार्थ
विक्रम संवत् -2082
शाक:- 1947
ऋतु __ हेमन्त
सूर्य __ दक्षिणायन
मास __ मार्गशीर्ष
पक्ष __ कृष्ण पक्ष
वार __ मंगलवार
तिथि- त्रयोदशी 07:11:32
नक्षत्र स्वाति 31:58:25
योग आयुष्मान 08:08:13
करण वणिज 07:11:32
करण विष्टि भद्र 20:26:48
चन्द्र राशि - तुला
सूर्य राशि - वृश्चिक
🚩🌺 आज विशेष 🌺🚩
👉🏻 भद्रा - 07/13 से 20/18 तक
🍁 अग्रिम पर्वोत्सव 🍁
👉🏻 पितृ अमावस
19/11/25 (बुधवार)
👉🏻 देवकार्य अमावस
20/11/25 (गुरुवार)
👉🏻 श्री राम जानकी विवाह
25/11/25 (मंगलवार)
👉🏻 मोक्षदा एकादशी / गीता जयंती/ व्यतिपात पुण्यम्
01/12/25 (सोमवार)
👉🏻 व्यंजन द्वादशी / प्रदोष व्रत
02/12/25 (मंगलवार)
👉🏻 सत्य पूर्णिमा व्रत
04/12/25 (गुरुवार)
🕉️🚩 यतो धर्मस्ततो जयः🚩🕉
राम नाम लेने के बाद भी क्यों मरा ये राक्षस ?
रावण के मरने के बाद लंका का राज्य श्री राम ने विभीषण को दिया तथा मंदोदरी से उनका विवाह करा दिया |
लंका में सभी ने उनको राजा मान लिया परंतु एक राक्षस ने ऐसा करने से मना कर दिया |
राक्षस बोला में रावण के अलावा किसी और को राजा नहीं मान सकता | इस पर विभीषण ने उस राक्षस को लंका छोड़ने को कहा |
राक्षस बोला लंका तो चारो तरफ से समुद्र से घिरा है न ही मुझे तैरना आता है और न ही उड़ना तो फिर में समुद्र को कैसे पार करू |
तब विभीषण उस राक्षस को एक पत्ता देते हुए बोले इस पत्ते को मुट्ठी में बंद कर तुम इस समुद्र को पार कर जाओगे परंतु गलती से भी मुठ्ठी मत खोलना |
राक्षस सच में उस पत्ते को मुठ्ठी में बंद कर आधे से ज्यादा समुद्र पार कर गया
लेकिन तभी उसके मन में आया की आखिर ऐसा क्या है इस पत्ते में जैसे ही उसने अपनी मुठ्ठी खोली तो पाया की पत्ते में श्री राम लिखा था |
राक्षस हंसते हुए बोला श्री राम लिखा एक मामूली सा पत्ता मुझे क्या समुद्र पार करायेगा और उसने उस पत्ते तो समुद्र में फेंक दिया |
जैसे ही वह पत्ता हाथ से छूटा ठीक उसी क्षण समुद्र की विशाल लहर में वह राक्षस डूब मर गया !
जय जय श्री सीताराम 👏
जय जय श्री ठाकुर जी की👏
(जानकारी अच्छी लगे तो अपने इष्ट मित्रों को जन हितार्थ अवश्य प्रेषित करें।)
ज्यो.पं.पवन भारद्वाज(मिश्रा) व्याकरणज्योतिषाचार्य
राज पंडित-श्री राधा गोपाल मंदिर (जयपुर)