जयपुर: राजस्थान में पंचायतों के पुनर्गठन को लेकर राज्य सरकार द्वारा जारी अधिसूचना पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कड़ा रुख अपनाया है। डोटासरा ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार निकाय और पंचायत चुनावों को जानबूझकर टालने की कोशिश कर रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि कांग्रेस इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट तक जाकर कानूनी लड़ाई लड़ेगी और सरकार पर जल्द चुनाव कराने का दबाव बनाएगी। मीडिया से बातचीत के दौरान डोटासरा ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि वह "वोट चोरी और एसआईआर (SIR) के माध्यम से चुनावी प्रक्रिया में हेरफेर करने की कोशिश" कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस "चुनावी प्रक्रिया में हेरफेर" के खिलाफ सदन से लेकर सड़क तक लंबा संघर्ष जारी रखेगी।
SC में सरकार को चुनौती देगी कांग्रेस
डोटासरा ने पंचायत पुनर्गठन अधिसूचना पर सवाल उठाते हुए कहा कि अभी पंचायत समिति और जिला परिषदों की अधिसूचना भी जारी होनी है। उन्होंने याद दिलाया कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही 15 अप्रैल तक चुनाव प्रक्रिया पूरी कर चुनाव कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा, "हम सुप्रीम कोर्ट जाकर सरकार को चुनौती देंगे कि जब 5 साल पूरे होने पर चुनाव कराने का प्रावधान है तो सरकार को इतना समय क्यों दिया जा रहा है।" डोटासरा ने जोर दिया कि कांग्रेस हर हाल में जनता का वोट बचाने और लोकतंत्र की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
एसआईआर और जन जागरण अभियान
पार्टी के भीतर चुनावी तैयारियों की बात करते हुए डोटासरा ने एसआईआर की कड़ी निगरानी और बीएलए (बूथ लेवल एजेंट) ट्रेनिंग पर जोर दिया। चुनावी धांधली के खिलाफ कांग्रेस एक बड़ा जन जागरण अभियान भी चला रही है। उन्होंने घोषणा की कि वोट चोरी के खिलाफ दिल्ली में एक बड़ी रैली आयोजित की जाएगी, जिसमें राजस्थान से 25-30 हजार लोग शामिल होंगे। इसके अलावा, राजस्थान में 15 लाख हस्ताक्षर एकत्र कर दिल्ली में जमा किए जाएंगे।
किसानों की दुर्दशा और खाद संकट
डोटासरा ने राज्य के किसानों की दुर्दशा और खाद की कमी के मुद्दे पर भी सरकार को घेरा। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश में यूरिया खाद उपलब्ध नहीं है, एमएसपी (MSP) पर खरीद नहीं हो रही है, और भ्रष्ट सिस्टम किसानों को प्रताड़ित कर रहा है। उन्होंने कहा, "किसानों को खाद के लिए घंटों लाइन में लगना पड़ रहा है, महिलाएं भगदड़ में घायल हो रही हैं, जबकि यूरिया ब्लैक मार्केट में बिक रही है। दलालों के गोदाम भरे हैं, लेकिन किसान को केवल 2 बोरी मिल रही है।" डोटासरा ने इस स्थिति को "सरकार का खुला भ्रष्टाचार" करार दिया और किसानों के प्रति सरकार की उदासीनता पर सवाल उठाए।