जयपुर न्यूज डेस्क: पहले इथियोपिया के अफार इलाके में 23 नवंबर की सुबह हायली गूबी ज्वालामुखी फटने की खबर आई और पूरे विश्व में हलचल मच गई। लगभग 10,000 साल बाद इस ज्वालामुखी के दोबारा सक्रिय होने ने वैज्ञानिकों और विमानन क्षेत्र को अलर्ट कर दिया है। विस्फोट के बाद उठी राख अब हवा के रुख के साथ उत्तर भारत की ओर बढ़ रही है और इसका संभावित असर भारत के कई शहरों पर पड़ सकता है।
हम देख रहे हैं कि राख के इन बादलों को लेकर DGCA और एयरपोर्ट अथॉरिटीज लगातार हालात पर नजर बनाए हुए हैं। सबसे ज्यादा दिक्कत दिल्ली और राजस्थान के आसमान में हो सकती है, इसलिए दिल्ली-जयपुर रूट की उड़ानों पर कड़ी निगरानी शुरू कर दी गई है। उड़ानों को सुरक्षित रखने के लिए एयरलाइंस ने precautionary measures भी बढ़ा दिए हैं।
दिल्ली में इसका असर दिख भी रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार अकासा और इंडिगो की कई इंटरनेशनल फ्लाइट्स 25 नवंबर को कैंसिल की गई हैं — जैसे जेद्दा, कुवैत और अबू धाबी जाने-आने वाली उड़ानें। इससे यात्रियों को दिक्कतों का सामना भी करना पड़ा, लेकिन सुरक्षा को देखते हुए ये फैसले जरूरी माने जा रहे हैं।
वहीं, जयपुर एयरपोर्ट फिलहाल सामान्य स्थिति में बताया जा रहा है। एयरपोर्ट अथॉरिटी ने स्पष्ट किया है कि यहां न तो कोई उड़ान रद्द हुई है और न ही किसी फ्लाइट के डिले होने की सूचना मिली है। लेकिन अधिकारियों ने यह भी कहा है कि स्थिति लगातार मॉनिटर की जा रही है और ज्वालामुखी की राख का रुख बदलते ही अगले फैसले लिए जाएंगे।